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बड़ी कामयाबी: स्विस बैंक ने भारतीयों के जमा कालेधन की जानकारी सौंपी

नई दिल्ली। स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के काले धन से संबंधित पहले दौर का विवरण स्विट्जरलैंड ने भारत को सौंप दिया है। इसमें सक्रिय खातों की जानकारी शामिल है। स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने 75 देशों को एईओआई के वैश्विक मानदंडों के तहत वित्तीय खातों का ब्योरा साझा किया है, जिनमें भारत शामिल है।

एफटीए ने समझौते में शामिल देशों को कुल 31 लाख खातों का विवरण भेजा है, जबकि इन देशों से उसे 24 लाख जानकारियां मिली हैं। इन जानकारियों में आइडेंटिफिकेशन, खाते और पैसों से जुड़े विवरण शामिल हैं। इनमें नाम, पता, राष्ट्रीयता, टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर, वित्तीय संस्थानों से जुड़ी सूचनाएं, खाते में पड़ी रकम और पूंजीगत आय शामिल हैं।

एफटीए के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत को पहली बार एईओआई ढांचे के तहत खातों के बारे में जानकारियां मुहैया कराई गई है। इसमें उन खातों की सूचना दी जाएगी, जो अभी सक्रिय है। इसके अलावा उन खातों का ब्योरा भी उपलब्ध कराया जाएगा जो 2018 में बंद किए जा चुहैं हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत अगली सूचना सितंबर, 2020 में साझा की जाएगी। एफटीए ने हालांकि भारत से जुड़ी कोई खास जानकारी देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि यह गोपनीयता से जुड़ा मामला है।

एनआरआई उद्यमियों से जुड़े खाते

कई बैंक अधिकारियों और नियामकीय अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने के अनुरोध के साथ कहा कि ये जानकारियां मुख्य रूप से कई दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कुछ अफ्रीकी देशों और दक्षिण अमेरिकी देशों में रह रहे अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) समेत व्यवसायियों से संबंधित हैं। बैंक अधिकारियों ने माना कि कभी पूरी तरह से गोपनीय रहे स्विस बैंक खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर शुरू हुई मुहिम के बाद पिछले कुछ वर्षों में इन खातों से बड़े पैमाने पर पैसे निकाले गए और कई खाते बंद हो गए। साझा की गई जानकारियों में उन खातों की भी सूचनाएं शामिल हैं, जिन्हें 2018 में बंद करा दिया गया।

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