चंबल नदी रेत माफिया के कब्जे में खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन की नाकामी की वजह से हो रहा है अवैध उत्खनन

मुरैना चंबल नदी रेत माफिया के कब्जे में खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन की नाकामी की वजह से हो रहा है अवैध उत्खनन माननीय मुख्यमंत्री के खोखले वादे माफिया को बख्शा नहीं जाएगा दूसरी ओर इस पार्टी के चाटुकार नेता माफिया को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे डॉ मोहन यादव कि आदेश की अवहेलना निरंतर कररहे है मुरैना के अधिकारी
नगर चंबल नदी रेत माफिया के कब्जे में है प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न होने की वजह से रेत माफिया के हौसले बुलंद है
और मिली जानकारी के एक मामला सामने आया है की वन विभाग और पुलिस की सहायता से रेत माफिया सक्रिय है प्रशासन द्वारा ना कार्रवाई करने के इसलिए रेत माफिया खुलेआम चोरी कर रहे हैं चंबल नदी के जीव जंतु मर रहे हैं जैसे कि देखा गया है की किस तरह से शासन इन पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं और और रेत माफिया पुलिस दोनों मिलकर अवैध उत्खनन में पूर्ण रूप से सहयोग करते हैं ऐसा नहीं है कि पुलिस के आल्हा अधिकारियों को जानकारी ना हो जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई करने में असमर्थ है मुख्यमंत्री के आदेश के आवेला वन विभाग और पुलिस अधिकारी धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं चंबल नदी से रेट का जो उत्खनन किया जा रहा है उसकी वजह से कई सालों से बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है सालों पहले जब यहां से रेत का उत्खनन नहीं किया जाता था तब ग्रामीणों में बरसात के समय कोई भय नहीं होता था आज की तारीख में बरसात आने से दो माह पहले ही ग्रामीण लोग अपने गांव को छोड़कर बाजार के लिए पलायन करते हैं क्योंकि चंबल नदी से जो रेत का उत्करण किया गया था उसकी वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है राजस्व विभाग के आल्हा अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे इसकी वजह से और हालात बिगड़ते जा रहे हैं जब इसकी जानकारी के लिए हमने खनिज विभाग अधिकारी दीपक शर्मा को कॉल किया तो कहना है कि हमने अभी चार-पांच दिन पहले गड्ढे करवा दिए थे अगर ऐसी हालत है तो हम देखते हैं। अनुविभागीय अधिकारी एवं दंडाधिकारी अरविंद कुमार इनका कहना है की राजस्व विभाग और खनिज विभाग अलग-अलग है इसमें केवल रेंजर ही कार्रवाई करेंगे