किस्सा कहानी नही यह है अजब प्रेम की गजब कहानी, 75 का प्रेमी 70 की प्रेमिका
वेब डेस्क। कालीदेवी /झाबुआ। न तो यह फिल्मी सीन है न ही किसी किस्से कहानी का जिक्र यह तो अजब प्रेम की वास्तविक गजब कहानी है क्या है, अजब प्रेम की गजब कहानी।जी हां, कालीदेवी थाने के परवट में 75 वर्षीय वृद्ध के साथ प्रेम संबंध होने पर साथ रहने पहुंची 70 वर्षीय वृद्धा का पति और परिवार वालों में से कोई शनिवार को कालीदेवी थाने नहीं पहुंचा। संभवत: महिला के ससुराल वालों ने भी उसकी इच्छा पर आगे बात नहीं बढ़ाने का फैसला लिया, लेकिन अभी संभावना यह है कि कुछ दिनों में मामला भील पंचायत में पहुंचे।
70 साल की भूरीबाई मूल रूप से गुजरात के टांडा देवली की है। उसकी शादी कई साल पहले जिले के रायपुरिया थाना क्षेत्र के गांव असालिया में रहने वाले रामचंद्र खराड़ी से हुई थी। रामचंद्र लगातार शराब के नशे में उसे प्रताड़ित करता था। सालभर पहले भूरीबाई पति को छोड़कर मायके चली गई। वहां से दस दिन पहले वह कालीदेवी थाना क्षेत्र के गांव परवट में मजदूरी के लिए पहुंची। यहां 75 वर्षीय बादू वीरसिंह भूरिया के संपर्क में आ गई। दोनों में प्रेम संबंध बन गए। भूरीबाई शुक्रवार को बादू के साथ कालीदेवी थाने पहुंची और बयान दर्ज कराए। उसे डर था कि पति रामचंद्र आकर बादू से झगड़ा कर सकता है।
विरोध नहीं किया किसी ने
इस संबंध का न तो बादू के परिवार वालों ने विरोध किया और न ही भूरीबाई के मायके वालों ने। संभावना यही थी कि भूरीबाई के ससुराल वाले परेशान कर सकते हैं, लेकिन दो दिनों में वहां से कोई नहीं पहुंचा। ऐसे में फिलहाल माना जा रहा है कि सभी पक्षों ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया। इर, कालीदेवी पुलिस का कहना है, अभी कोई नहीं आया। जब आएगा तो कानूनन कार्रवाई करेंगे।
परम्परा भी है
आदिवासी समाज में बहूविवाह की परंपरा पुरानी है, जो आज भी जारी है। लेकिन ये अधिकार सिर्फ पुस्र्ष को नहीं है। होता बस यही है कि अगर महिला पति को छोड़कर दूसरे के साथ रहने लगे तो पूर्व पति को पंचायत में हुई समझौता राशि देना पड़ती है।