2012 से न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रही महिला कुसुम इनवाती

2012 से न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रही महिला कुसुम इनवाती
कोर्ट के आदेशों की भी हो रही आवेना ….
बिना किसी परमिशन के दबंगई से कैसे संचालित हो रही आंगनवाड़ी जवारे बाबू का संरक्षण
छिंदवाड़ा -पूरा मामला तामिया विकासखंड के राजथरी गांव का है जहा पर आंगनबाड़ी केंद्र में पदस्थ कुसुम 1991 में बहुत ही काम सैलरी पर काम कर रही थी लेकिन बाहरी व्यक्ति सीमा उईके के द्वारा बनाकर आंगनवाड़ी में ताला लगाकर बिना किसी लीगल परमिशन के दूसरी जगह आंगनवाड़ी लगने लगी हैरानी की बात तो है कि उक्त महिला का किसी भी सरकारी रिकॉर्ड में कोई भी लीगल दस्तावेज नहीं लगा है लेकिन फिर भी वह है आंगनबाड़ी कैसे संचालित कर रही है आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं है जब पीड़ित महिला ने कुसुम बाई ने पूरे मामले की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की लेकिन कोई राहत नहीं मिली इसके बाद मामला कोर्ट में चला और इसके बाद कोर्ट के निर्देश पर सीमा उईके परियोजना अधिकारी ने कर दिए थे लेकिन इसके बाद भी जबरन स्कूल भवन के किचन सेट पर आंगनबाड़ी संचालित हो रही है लेकिन कोर्ट होने के बाद भी कुसुम बाई को आज भी न्याय नहीं मिला लेकिन आप पूरे मामले को हमारी टीम ने प्रमुखता से दिखाया है अब देखना है होगा कि कुसुम भाई को इंसाफ मिलता है या नहीं




