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नृसिंह जयंती पर करें उनके इस बीज मंत्र का जाप, मिलेगा शत्रुओं से छुटकारा-डाँ. अशोक शास्त्री. )

नृसिंह भगवान विष्णु भगवान के सबसे उग्र अवतार माने जाते हैं।
नृसिंह जयंती का पर्व आज 25 मई मंगलवार को मनाया जाएगा । ज्योतिषाचार्य डाँ. अशोक शास्त्री ने बताया की नृसिंह भगवान विष्णु भगवान के सबसे उग्र अवतार माने जाते हैं । नृसिंह जयंती व्रत वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है । साल 2021 में नृसिंह जयंती का पर्व 25 मई , दिन मंगलवार को मनाया जाएगा । इस दिन भगवान नृसिंह ने खंभे को चीरकर अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए अवतार लिया था । नृसिंह जयंती पर उनके बीज मंत्र का जाप करने से शत्रुओं का नाश होता है और उनके भक्तों को कोर्ट – कचहरी और मुकदमे आदि में विजय अनायास ही प्राप्त हो जाती है । इससे शत्रुओं का शमन होता है और पराक्रम में वृद्धि होती है तथा आत्मविश्वास बढ़ता है । नृसिंह मंत्र से तंत्र , मंत्र , बाधा , भूत , पिशाच , भय , अकाल मृत्यु का डर और असाध्य रोग आदि से भी छुटकारा मिलता है तथा जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है । तो आइए जानते हैं कि नृसिंह जयंती पर कैसे करें बीजमंत्र का जाप ।
भगवान नृसिंह का बीजमंत्र
भगवान नृसिंह के बीजमंत्र का जप करने के लिए लाल रंग के आसन पर दक्षिण की ओर अपना मुख करके बैठ जाएं और रक्त चंदन अथवा मूंगे की माला से प्रतिदिन कम से कम एक हजार मंत्र का जप करें , तभी उसका लाभ साधक को मिल पाता है ।
भगवान नृसिंह का बीज मंत्र- ‘श्रौं’/ क्ष्रौं (नृसिंहबीज)।
इस बीज में क्ष् = नृसिंह , र् = ब्रह्म , औ = दिव्यतेजस्वी, एवं बिंदु = दुखहरण है । इस बीज मंत्र का अर्थ है ‘दिव्यतेजस्वी ब्रह्मस्वरूप श्री नृसिंह मेरे दुख दूर करें’ ।
संकटमोचन नृसिंह मंत्र
ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम् ।।

ज्योतिषाचार्य
डाँ. पं. अशोक नारायण शास्त्री
श्रीमंगलप्रद् ज्योतिष कार्यालय
245 , एम. जी. रोड ( आनंद चौपाटी ) धार , म. प्र.
मो. नं. 9425491351

–: शुभम् भवतु :–

साभार- डॉक्टर अशोक नारायण शास्त्री

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