असली की तथाकथित जप्ती नकली के इशारे पर, तो यह है गुटखा मामले की मेन स्क्रिप्ट!

शिवपुरी। लॉक डाउन भले ही लोगों के लिए मुसीबत का पहाड़ लाया हो मगर कई लोगों के लिए यह सोने के अंडे देने वाली मुर्गी का रोल निभा रहा है। पुलिस तथा प्रशासन और तथाकथित सत्ता धारी नेताओं के संरक्षण से कतिपय व्यवसायी चांदी काट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला फिलहाल शिवपुरी में चर्चित है गुटखा का।

दरअसल गुटखा का यह मामला तब सुर्खियों में आया जब पुलिस ने यहां एक गुटखा कारोबारी के गोदाम में दबिश देकर भारी मात्रा में गुटखा जप्त किया। लेकिन बाजी तब पलट गई जब व्यवसायी ने अपने माल के वो सारे कागजात दिखा दिए जो इस कतिथ तौर पर जप्त किये गए गुटखा को अवैध नहीं बताने के लिए काफी थे। पुलिस ने गुटखा तो वापस कर दिया लेकिन जिस मात्रा में जप्त हुआ था उससे कम। मतलब ये जप्त गुटखा या तो मोहकमा खा गया या फिर इसे जप्ती के बावजूद बेच दिया गया।

ये था मामला

दरअसल तत्कालीन एसडीएम शिवपुरी ने बछोरा स्थित शुंभागी ट्रेडर्स के गोदाम के यहां दबिश देकर राजश्री गुटका का माल जप्त किया था। फिर इसे पुलिस को सौंप दिया गया। आरोप है कि इस कार्रवाई की हवा तब निकल गई जब गोदाम मालिक व्यवसायी ने माल से जुड़े सभी कागजात पेश कर दिए। अति उत्साहित तत्कालीन एसडीएम शिवपुरी के कारण कोतवाली पुलिस की परेशानी बढ़ गई। जप्त माल वापस करना पडा। इस काण्ड में तथाकतिथ मिर्ची सेठ के कनेक्शन निकल कर सामने आए।

वैसे यह खबर आग की तरह फैली थी कि, कोतवाली टीआई बादाम सिंह और शिवपुरी एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर ने शुंभागी ट्रेडर्स के गोदाम पर छापामार कार्यवाही करते हुए एक मेटाडोर राजश्री पान मसाला अवैध जब्त किया हैं।
लेकिन दोपहर 2 बजे पूरा सीन उल्टा हो गया। फुड विभाग के एक नियम के तहत पूरा का पूरा माल वापस करना पडा। पासा उल्टा पड़ा तो तत्कालीन एसडीएम कोतवाली से बीच कार्रवाई से चले गए। औपचारिक कार्रवाई फूड इस्पेक्टर से करवा दी।

सवाल जो सभी के मन में
सभी के मन में सवाल उठा की ऐसा क्या हुआ के 2 घंटे के अंदर सीन बदल गया। शुंभागी ट्रेडर्स लखेरा गली शिवपुरी के बछोरा स्थित गोदाम पर एसडीएम के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस के साथ छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया गया। शुंभागी ट्रेडर्स राजश्री गुटका के डीलर हैं। शुंभागी ट्रेडर्स के गोदाम पर अवैध और नकली राजश्री गुटको के भंडारण की जानकारी एसडीएम को मिली थी।

इधर शुंभागी ट्रेडर्स के संचालक ने मीडिया को बताया कि मेरे गोदाम के पडोसियो ने मुझे फोन पर सूचना दी की मेरे गोदाम की बाउंडरी वाल पर चढकर पुलिस गोदाम में प्रवेश कर रही हैंं मैने गोदाम पहुंचने की कोशिश की लेकिन ग्वालियर वाईपास पर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियो ने मुझे रोक लिया और पूछताछ करने लगे।

आरोप है कि कोतवाली में व्यापारी को आधा घंटा तक बैठाए रखा इसके बाद फुड इस्पेक्टर को बुलाया गया। उन्होने कहा की माल असली हैं या नकली हैं,और इसका सैंपल भी ले लेते हैं। इतना सुनते ही एसडीएम साहब वहां से चले गए। जब तक मैने अपने माल की खरीद का बिल भी मंगा लिया। इसके बाद फुड विभाग ने माल का सैंपल लेते हुए जब्त माल को सील कर मेरी ही सुपुर्दगी में दे दिया। 

अब जनिये इस कहानी के पीछे का सच

दरअसल इस कार्रवाई के पीछे भले ही कालाबाजारी सामने आ रही हो लेकिन जो जानकारी मंडी हलचल को लगी उसके मुताबिक यह खेल तो कुछ और ही है। जानाकारी के अनुसार यह सब कुछ नकली गुटखा की फैक्ट्री चलाने वाले उन लोगों के इशारे पर किया गया जो अपना नकली माल बाजार तक पहुंचाना चाहते थे। शिवपुरी में ऐसी कोई तीन फैक्ट्री संचालित हैं जो नकली गुटखा बना रही हैं। ये फेक्ट्री के संचालकों को सत्ता पक्ष के किसी बड़े का वरदहस्त प्राप्त है और वही इस पूरी कार्रवाई में पर्दे के पीछे रहे। सूत्रों के अनुसार अगर वास्तव में इस नकली के कारोबार पर पुलिस ध्यान दे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा लेकिन पुलिस या कोई और जिम्मेदार ऐसा करने की जहमत नहीं उठा सकता।

Leave a Reply