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विदेशी पक्षी को मार गिराया भारतीय पक्षियों ने फिर खुला यह राज

पटना . बिहार के वैशाली जिले में एक विदेशी पक्षी को स्थानीय परिंदों द्वारा मार गिराने का मामला चर्चा में है। मृत पक्षी में लगे ट्रांसमीटर को देखकर उसके दुश्‍मन देश का जासूस होने की चर्चा जंगल की आग की तरह फैल गई। हालांकि, अब वन विभाग के अधिकारियों ने जांच के बाद इसे रिसर्च के लिए छोड़ा गया बांग्‍लादेशी पक्षी बतख प्रजाति का बताया है। लेकिन इसी बहाने पाकिस्‍तान से आने वाले जासूस परिंदों को चर्चा भी खूब हुई। 
मृत पक्षी के शरीर में लगी मिली डिवाइस
वैशाली के महनार थाना के हसनपुर गांव में बाहर से आए एक पक्षी को स्थानीय पक्षियों ने मार गिराया। हसनपुर गांव निवासी महनार के पूर्व प्रखंड प्रमुख सच्चिदानंद सिंह के घर के निकट गुरुवार को स्थानीय पक्षियों ने बाहर से आए पक्षी को घेर कर मार डाला। करीब आधे घंटे चली पक्षियों की लड़ाई देखने के लिए भारी भीड़ लग गई थी। मृत पक्षी के गिरते ही उसे देखने ग्रामीण जब नजदीक पहुंचे तो उसके शरीर में डिवाइस लगी दिखी। पैर में पीतल का एक टैग भी था। इसकी जानकारी थाना को दी गई। सूचना पर पहुंचे महनार थानाध्यक्ष ने जांच व कार्रवाई के लिए पक्षी का शव वन विभाग को सौंप दिया। 
पुलिस को हुई जासूसी में इस्‍तेमाल की आशंका 
पक्षी के मिलने पर पुलिस को इसके जासूसी में इस्‍तेमाल की आशंका हुई। पुलिस ने बताया कि इस प्रकार की डिवाइस लगे पक्षी पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर राजस्थान के जैसलमेर आदि जिलों में मिलते रहे हैं। ऐसे पक्षी सीमा पार से आते रहे हैं। महनार थानाध्यक्ष उदय शंकर ने कहा कि यह पक्षी वाकई जासूस है या नहीं, इसे जांच के बाद ही कहा जा सकता है। उन्‍होंने बताया कि पक्षी के शव को वन विभाग को जांच के लिए सौंप दिया गया। 
वन विभाग ने बताया: शोध में हो रहा था इस्‍तेमाल
इसके बाद वन विभाग ने अपनी पड़ताल में पक्षी को बतख प्रजाति का बताया। वन विभाग के अनुसार इस पक्षी में शोध के लिए ट्रांसमीटर 2009 में बांग्‍लादेश में लगाया गया था। एक मई 2019 से इसका पता नहीं चल रहा था। बात में पता चला कि बिहार के वैशाली में इसे पक्षियों ने मार गिराया है। 
विशेषज्ञ बोले: बतख प्रजाति का था पक्षी 
पक्षी विशेषज्ञ अरविंद मिश्रा ने कहा कि जब भी किसी पक्षी के शरीर में ट्रांसमीटर या छल्ले जैसे उपकरण लगे दिखाई देते हैं तो उसके जासूस होने की आशंका होती है। हालांकि, हर मामले में ऐसा नहीं होता। वैशाली मेें मिला पक्षी का एपयोग तो जासूसी में किया ही नहीं जा रहा था। बांग्‍लादेश का बतख प्रजाति का पक्षी था, जो शोध कार्य में सहायता कर रहा था। 
उन्‍होंने बताया कि पक्षी एक देश से दूसरे देश तक भ्रमण करते रहते हैं I ये कब किस मौसम में कहां-कहां जाते हैं, प्रजनन कहां करते हैं और ये कहीं ‘बर्ड फ्लू’ जैसी बीमारियों के वाहक तो नहीं हैं, इन शोधपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करने के लिए इनके शरीर में ये उपकरण लगाए जाते हैं I 
बांग्‍लादेश में 10 साल पहले लगाए गए थे उपकरण 
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सहायक निदेशक डॉ. राजू कसाम्बे के अनुसार इस पक्षी को सन 2009 में बांग्लादेश में ये उपकरण लगाए गए थे। इस पक्षी का एक मई 2019 की दोपहर के बाद से पता चलना बंद हो गया था I इसके पहले भी बिहार के किशनगंज में एक हंस प्रजाति के प्रवासी पक्षी ‘बार हेडेड गूज’ यानि ‘मोगली बतख’ में ट्रांसमीटर लगा पाया गया था I 
परिंदों से जासूसी के कारण फैला भ्रम
बहरहाल, बिहार में पक्षियों की लड़ाई में मारे गए इस पक्षी की कहानी का पटाक्षेप हो गया है। इस बहाने पक्षियों से जासूसी के कई मामले भी चर्चा में आ गए। पाकिस्‍तान सीमावर्ती इलाकों में मिलते रहे ऐसे पक्षियों को पाकिस्‍तानी जासूसी संगठन आइएसआइ या आतंकी संगठनों से जोड़ा जाता रहा है। इस कारण बिहार में ट्रांसमीटर लगा पक्षी मिलने पर यह भ्रम फैल गया। आइए नजर डालते हैं, देश में मिले ऐसे कुछ संदिग्‍ध परिंदों पर… 
– राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर जिले में सालों पहले अप्रैल 2013 में भी एक मृत बाज पक्षी को पकड़ा गया था। तब सीमा सुरक्षा बल के एक प्रवक्ता ने बताया कि मृत पक्षी के शरीर पर 10 इंच का एक एंटीना लगा था। इससे पहले भी एक बाज को एंटीना के साथ ज़िंदा पकड़ा जा चुका था। 
– नवंबर 2017 में भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक पाकिस्तानी बाज पकड़ा गया था। उसकी पूंछ पर एक एंटीना तो था ही, पैरों में छल्ले भी लगे थे। सुरक्षा एजेंसियों ने जब बाज का एक्स-रे करवाया तो शरीर के अंदर माइक्रो चिप होने की बात सामने आई थी। 
– अक्टूबर 2016 में बीकानेर से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट अनूपगढ़ क्षेत्र में एक पाकिस्तानी ट्रेंड बाज पकड़ा गया था। 
– बीते महीने ही जम्मू के पाकिस्तान सीमावर्ती अरनिया इलाके में एक पाकिस्तानी कबूतर मिला। उसे सेना के शिविर के पास उड़ते हुए सोहन लाल नामक व्यक्ति ने देखा। इसके बाद उसे स्थांनीय लोगों ने किसी तरह पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। कबूतर पर उर्दू में संदिग्ध नंबर लिखा था। 
 अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सीमा पर बीएसएफ के जवानों ने एक ट्रेंड कबूतर को पकड़ा था। कबूतर के पंखों के नीचे खास तरह से नंबर लिखे थे। 
– साल 2016 में पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान से सटी सीमा के पास से एक कबूतर को पकड़ा था। यह कबूतर पंजों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी देने का संदेश ले लेकर आया था। उर्दू भाषा में लिखा था, ‘मोदी, हम 1971 वाले लोग नहीं हैं। अब बच्चा-बच्चा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है।‘ 
– पीएम मोदी के लिए धमकी भरा एक्‍त संदेश लाने वाले कबूतार को लेकर पुलिस ने बताया था कि सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने उसे पठानकोट में उस जगह देखा था, जहां पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एयरफोर्स बेस पर हमला किया था। इसके बाद से उसकी तलाश जारी थी।

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