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इंदौर विधायक आकाश विजयवर्गीय को नहीं मिली जमानत, जेल के बाहर जुटे समर्थक

इंदौर। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट से जमानत नहीं मिली है। आकाश को नगर निगम अधिकारी की पिटाई के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। कोर्ट ने आकाश को न्‍यायिक हिरासत में 11 जुलाई तक जेल भेजने के आदेश दिए हैं।जेल के बाहर बड़ी संख्‍या में विजयवर्गीय समर्थक जमा हैं। एक समर्थक ने खुद पर केरोसीन डालकर आग लगाने की बात कही, लेकिन उसके हाथ से माचिस छीन ली गई। विधायक रमेश मेंदोला और पूर्व विधायक जीतू जिराती भी समर्थकों के साथ पहुंच गए ।

इस मामले में अनेक भाजपा नेता आकाश के समर्थन में खड़े हो गए हैं वहीं कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है। आकाश के वकील कल सेशन कोर्ट में जमानत की याचिका दायर करेंगे। वहीं निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस के साथ मारपीट करने के आरोप में 8 कर्मचारियों की निगम आयुक्त आशीष सिंह ने सेवाएं समाप्त कर दी हैं। विधायक आकाश विजयवर्गीय को रात 8 बजे जिला जेल में दाखिल किया गया। सेंट्रल जेल अधीक्षक ने जिला जेल, आज़ाद नगर पहुंच कर व्यवस्था सम्भाली। बड़ी संख्‍या में आकाश के समर्थक भी जेल के बाहर जमा हो गए।

आकाश ने नगर निगम अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटा था। विधायक आकाश के खिलाफ एमजी रोड थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, मारपीट और बलवा की धारा 353 , 294 , 506, 147, 148 में केस दर्ज किया गया है।

इसके बाद आकाश को गिरफ्तार कर लिया गया। आकाश को जिला कोर्ट के 40 नंबर कक्ष में पेश किया गया था। मजिस्‍ट्रेट गौरव गर्ग के काेर्ट में उन्‍हें पेश किया गया था।तमाम दलीलों को सुनने के बाद जमानत निरस्‍त कर दी गई है। कोर्ट परिसर में बड़ी संख्‍या में विजयवर्गीय समर्थक मौजूद थे। कोर्ट ने स्‍पष्‍ट किया कि जनता के मुद्दे उठाए जा सकते हैं लेकिन सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट नहीं की जा सकती।

गिरफ्तारी के दौरान एमजी रोड थाने के बाद बड़ी संख्‍या में आकाश के समर्थक जमा हो गए थे। भवन निरीक्षण धीरेंद्र बायस का कहना है कि खाली मकान जो जर्जर था उसे तोड़ने गए थे, विधायक आकाश और उनके 8 साथियों ने की मारपीट की।

जानकारी के मुताबिक गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर मकान को तोड़ने के लिए निगम की टीम पहुंची थी। इस दौरान तीन नंबर क्षेत्र से विधायक आकाश विजयवर्गीय भी वहां पहुंच गए। उन्होंने निगम अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा कि आप 5 मिनट में यहां से नहीं गए तो आगे जो होगा इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी, उनके साथ मौजूद लोगों ने पोकलेन की चाबी भी निकाल ली। इसके बाद निगम के अधिकारियों और विधायक के बीच जमकर विवाद हो गया और मारपीट होने लगी। इस दौरान विधायक समर्थकों ने वहां खड़ी पोकलेन मशीन और नगर निगम की गाड़ी पर पथराव कर उन्हें फोड़ दिया।

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