पत्नी को पति की सैलरी जानने, प्ले-स्लिप देखने का पूरा हक-HC

वेब डेस्क। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि पत्नी को यह जानने का अधिकार है कि उसके पति की सैलरी कितनी है. जस्टिस एस.के. सेठ और नंदिता दुबे की बेंच ने याचिकाकर्ता सुनीता जैन को आरटीआई के तहत उसके पति की ‘पे-स्लिप’ देने के निर्देश जारी किये हैं.
सुनीता के वकील के डी घिल्डियाल ने बताया, ‘‘ बेंच ने मेरी क्लाइंट की अपील की सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है. कोर्ट ने आदेश में कहा, ‘‘ याचिकाकर्ता पत्नी है और उसे यह जानने का अधिकार है कि उसके पति की सैलरी कितनी है. पत्नी को तीसरा पक्ष मानकर पति की सैलरी संबंधित जानकारी देने से इनकार नहीं किया जा सकता है.’’
घिल्डियाल ने बताया, ‘‘ मेरी क्लाइंट की तरफ से दायर की गई अपील में कहा गया था कि सुनीता पवन जैन पति-पत्नी हैं दोनों के वैवाहिक संबंध में तनाव चल रहा है. उसका पति भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में बड़े पद पर है, लेकिन पति उसे भरण-पोषण के लिए सिर्फ 7,000 रुपये देता हैं, जबकि पति की सैलरी सवा दो लाख रुपये प्रतिमाह है.”
पत्नी सुनीता ने भरण-पोषण की राशि बढ़ाने की मांग करते हुए डिस्ट्रिक कोर्ट में पति की पे-स्लिप मंगाने के लिए आवेदन दिया था. जिसे डिस्ट्रिक कोर्ट और लोक सूचना अधिकारी ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था.’’
उन्होंने कहा कि इसके बाद सुनीता ने केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) के सामने अपील दायर की. सीआईसी ने 27 जुलाई 2007 को पारित अपने आदेश में सूचना के अधिकार के तहत पत्नी को पति की पे-स्लिप देने के लिए बीएसएनएल को निर्देश जारी किये थे.
सीआईसी के आदेश के खिलाफ पति ने हाई कोर्ट की शरण ली थी. घिल्डियाल ने बताया कि इसके बाद पत्नी सुनीता ने अपने पति पवन जैन और बीएसएलएल के खिलाफ दो अलग-अलग अपील दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने सुनीता के पक्ष में यह फैसला सुनाया है.


