आरबीआई का बड़ा ऐलान, वर्चुअल करेंसी में कारोबार नहीं कर पाएंगे बैंक

बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी को लेकर आरबीआई ने बड़ा ऐलान किया है. नए फैसले के तहत आरबीआई के अंतर्गत आने वाली सभी संस्थाएं वर्चुअल करेंसी में कोई भी कारोबार नहीं कर पाएंगी. आपको बता दें कि आरबीआई ने मोनेट्री पॉलिसी का ऐलान किया है. फिलहाल रेपो रेट 6 फीसदी पर स्थिर है. वहीं, CRR 4 फीसदी पर बरकरार है. आम आदमी के हिसाब से इसे समझें तो इसका मतलब है कि कस्टमर के लिए बैंक लोन सस्ता नहीं होगा और न ही ईएमआई में कोई राहत मिलेगी.
क्या है आरबीआई का फैसला
आरबीआई ने पॉलिसी के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वर्चुअल करेंसी में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में निवेशकों को नुकसान हो सकता है. बैंकों की बड़ी रकम डूब सकती है. इसीलिए बैंक और आरबीआई के अंतर्गत आने वाली सभी संस्थाओं पर वर्चुअल करेंसी के किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं रख सकती है.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी इंटरनेट पर चलने वाली एक वर्चुअल करेंसी हैं. इंटरनेट पर इस वर्चुअल करेंसी की शुरुआत जनवरी 2009 में बिटकॉइन के नाम से हुई थी. इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल कर दुनिया के किसी कोने में किसी व्यक्ति को पेमेंट किया जा सकता है और सबसे खास बात यह है कि इस भुगतान के लिए किसी बैंक को माध्यम बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती.
कैसे काम करती है काम
बिटकॉइन का इस्तेमाल पीयर टू पीयर टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इसका मतलब कि बिटकॉइन की मदद से ट्रांजैक्शन दो कंप्यूटर के बीच किया जा सकता है. इस ट्रांजैक्शन के लिए किसी गार्जियन अथवा सेंटरेल बैंक की जरूरत नहीं पड़ती. बिटकॉइन ओपन सोर्स करेंसी है जहां कोई भी इसकी डिजाइन से लेकर कंट्रोल को अपने हाथ में रख सकता है.