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आर.ई.एस. विभाग में टेण्डर घोटाला,अपने चहेतों को काम देने का मामला,टेंडर घोटाले के बाद अब वर्क आर्डर देने की तैयारी,पोस्ट(पद) एस डी ओ की बैठे है ई.ई.के पद पर

आर.ई.एस. विभाग में टेण्डर घोटाला,अपने चहेतों को काम देने का मामला,टेंडर घोटाले के बाद अब वर्क आर्डर देने की तैयारी,पोस्ट(पद) एस डी ओ की बैठे है ई.ई.के पद पर

शिवपुरी। शिवपुरी आर.ई.एस. विभाग के घोटाले की फेहरिस्त बहुत लंबी है । लेकिन इस समय ब्लो रेट के टेंडर को काम न देते हुए अबव रेट के टेंडर को काम देते हुए अपने चहेते ठेकेदार को काम देना चर्चा का विषय बना हुआ है । ई.ई. साहब का पसंदीदा ठेकेदार को काम देना कोई नई बात नही है इससे पहले भी इस विभाग में यही होता चला आ रहा है । जो भी ठेकेदार साहब को ऊंचा कमीशन देता है उसे ही काम दिया जाता है । चाहे इसके बदले में शासन को चूना लगें या किसी ठेकेदार को नुकसान हो साहब को तो ऊँचे कमीशन वाले ठेकेदार को ही काम देना है ।अगर किसी नए ठेकेदार द्वारा टेन्डर प्रक्रिया की अनियमितताओं की शिकायत की जाती है तो उसे अधिकरी के चहेते ठेकेदारों द्वारा दवाव वनाकर चुप वैठा दिया जाता है।

*शासन के नियमों की उड़ाई जा रही है धज्जियां*

सरकार ने ऑनलाइन टेंडर का सिस्टम इसलिए किया था कि बेरोजगार युवक अपना काम कर सके और काम की पारदर्शिता बनी रहे । लेकिन यदि ऑनलाइन टेंडर व ऑफ लाइन दस्तावेजों को चेक किया जाय तो सारे टेंडरों में घालमेल दिख जाएगा । साहब का काम ऑफ लाइन दस्तावेजो में से कागज गोल करके अपने नजदीकी ठेकेदार को काम देने का बखूबी इंतजाम कर दिया जाता है।

*शिकायत के बाद भी वर्क आर्डर देने की तैयारी*

18%ब्लो में काम न देते हुए 1.55% अबव में काम देने जा रहे ई.ई. साहब के कारनामे की शिकायत ग्वालियर व भोपाल में वैठे सभी विभागिय उच्च अधिकारियों से की जा चुकी है । लेकिन साहब को वर्क आर्डर देने की बड़ी ही जल्दी है साहब जल्द ही चहेते ठेकेदार को वर्क आर्डर देने की तैयारी मे है । अरे साहब उस गरीब की सुनवाई तो पूरी हो जाने दो जिसने अपनी आपत्तियां वरिष्ठ अधिकारियों को लगा ऱखी हैं ।

*पोस्ट एस डी ओ की बैठे है ई.ई. के पद पर*

साहब का ऐसा जलवा है कि पोस्ट तो उनकी एस डी ओ की है और साहब पिछले 4 साल से ई.ई. के पद पर कुंडली मारकर बैठे है । इन 4 सालों में जमकर मलाई छानी है । अब सवाल यह उठता है क्या शासन के पास 4 साल में कोई भी ऐसा योग्य अधिकारी नही मिला जो इस विभाग के कार्यपालन यंत्री के पद को सँभालता । सूत्रों की माने तो साहब का बटौना तो ऊपर से लेकर नीचे तक बंटता है कोई हटाएगा कैसे । एक बात को कहनी पड़ेगी साहब का जलवा है ।
अब देखना होगा कि शासन प्रशासन ऐसे अधिकारियों के खिलाफ क्या कोई ठोस कदम उठाएगा या कागजी घोड़े दौड़ाकर ही रह जाएगा।

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