लालू की सजा की खबर नहीं सह पाई बड़ी बहन, अटैक से मौत
पटना। चारा घोटाला में साढ़े तीन साल की सजा मिलने के बाद रविवार को उनकी बड़ी बहन गंगोत्री देवी की मौत हो गई। इस घटना से पूरा लालू परिवार शोकाकुल है। वे शनिार को दिनभर लालू के लिए दुआएं करती रहीं थीं। परिवार का कहना है कि उनकर निधन लालू को सजा मिलने के कारण सदमे में हुई है। लालू प्रसाद के वकील उनके पैरोल के लिए कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे इकलौती बहन के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें।
विदित हो कि लालू प्रसाद यादव की इकलौती बहन गंगोत्री देवी पटना के वेटनरी कॉलेज स्थित उसी सर्वेंट क्वार्टर में रहतीं थीं, जिसमें 1990 में मुख्यमंत्री बनने के बाद रहकर लालू प्रसाद ने छह महीने तक सरकार चलाई थी। गंगोत्री देवी के तीन बेटों में एक की मौत हो चुकी है, जबकि शेष दो बिहार पुलिस व रेलवे में नौकरी करते हैं। वे लालू के छह भाइयों में अकेली बहन थीं। वे पहले से बीमार भी चल रहीं थीं।
लालू के जेल जाने से आहत थीं बहन –
चारा घोटाला के एक मामले में सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा दी। इसके पहले अदालत ने लालू को बीते 23 दिसंबर को दोषी करार देकर जेल भेज दिया था। लालू की बड़ी बहन इस घटना से आहत थीं।
रविवार सुबह हो गई मौत –
शनिवार को अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के पहले से लालू प्रसाद यादव की बहन लगतार उनके लिए दुआएं कर रहीं थीें। परिवार के अनुसार देर शाम लालू को सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें सदमा लगा। इससे वे उबर नहीं पाईं और आज उनकी मौत हो गई। इस घटना से लालू परिवार आहत है।
कहतीं थीं, पैसे वालों ने फंसाया –
बेटे बैरिस्टर यादव के अनुसार जब से लालू प्रसाद जेल गए हैं, मां गंगोत्री देवी को उनकी चिंता खाए जा रही थी। वे आधी रात में जागकर लालू के बारे में पूछतीं थीं। लालू से बात करने की जिद करने लगतीं थीं। कहतीं थीं कि उनके भाई को पैसे वाले लोगों ने फंसा दिया है।
राबड़ी बोलीं, लालू के जेल जाने का लगा था सदमा –
घटना से आहत गायत्री देवी के भतीजे तथा लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने इसे परिवार के लिए दुख की घड़ी कहा। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार पैतृक गांव में करने की तैयारी की जा रही है। राबड़ी देवी ने कहा कि गायत्री देवी लालू के छह भाइयों में अकेली बहन थीं। उन्हें गहरा सदमा लगा, जिससे उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार रांची के बिरसा मुंडा जेल पहुंचे। वे बहन के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लालू प्रसाद के पैरोल के लिए कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए अदालत की अनुमति जरूरी है। लेकिन, रविवार होने के कारण आज यह संभव नहीं हो सका। हालांकि, लालू प्रसाद यादव बहन के अंतिम संस्कार के बाद के कर्मकांड के लिए पैरोल पर बाहर आ सकते हैं।