मनमर्जी से खोली सोसायटी अब तुलाई व परिवहन का पैसा वसूल रहे
जबलपुर । उड़ना सोसायटी में हो रही अनियमितताएं तो खरीदी के समय हर साल तो सामने आती ही है। लेकिन इस बार तो यहां किसानों के साथ लूट मची हुई है।
सरौंद खरीदी केन्द्र मामला
पहले मनमर्जी से खोली सोसायटी अब तुलाई व परिवहन का पैसा वसूल रहे
पहले अध्यक्ष द्वारा मनमर्जी से सोसायटी का केन्द्र वेयरहाउस से हटाकर दस किलोमीटर दूर सरौंद में खोल दिया गया। जिससे सरकार पर अतिरिक्त परिवहन व्यय पड़ा और अब किसानों से अधिक तुलाई लेकर उन्हें लूटने में लगे हुए है।
ये है नियम
नियमों के मुताबिक धान की खरीदी के दौरान प्रत्येक कट्टी में ४० किलो धान तोली जाती है इसके अलावा जो जूट की बोरी का वजन लगभग ५ सौ ग्राम होता है उसे लिया जाता है लेकिन सरौंद सोसायटी में प्रति कट्टी ४१ किलो या किसी किसी से ४१.५ किलो तौला जा रहा है। जिसके चलते किसानों से प्रति क्विंटल लगभग एक किलो से अधिक अतिरिक्त धान ले ली जाती है जबकि उन्हें पैसा प्रति सौ किलो १५५० रूपये के हिसाब से किया जाता है। यदि एक क्विंटल में एक किलो को देखे तो यह मात्रा मे बहुत कम लगती है लेकिन जब खरीदी हजारों क्विंटल में होती है तो यह एक किलो की चोरी बढ़कर दसों लाख में पहुंच जाती हैं।
लुट रहे किसान
एक ओर तो जहां सरकार किसानों को अन्न दाता बताते हुए उनके हितो को साधने की बात करती है वहीं दूसरी तरफ सरकार के ही नुमाइंदे किसानों को लूट रहे है। अध्यक्ष की सह पर सरौंद सोसायटी में किसानों से १२ रूपये प्रतिक्विंटल के हिसाब से तुलाई का पैसा लिया जा रहा है। जबकि सरकार तुलाई से लेकर ठपकी लगाने व भंडारण तक का पैसा समितियों को देती है। लेकिन समिती अध्यक्ष और उसके साथी इस पैसे को डकार कर किसानों को लूट रहे है।
फैक्ट फाईल (अनुमानित)
अनुमानित खरीदी ६० हजार क्विंटल
परिवहन व्यय – ७८०००० (अतिरिक्त व्यय)
किसानों से वसूली ७२०००० (तुलाई के नाम पर)