फ़िल्म देख कर रची हत्या की साजिश, “आधार” से खुल गया राज
नई दिल्ली। फिल्मों में दिखाई गई साजिशें कई बार असल जिंदगी में भी लोग अपने इस्तेमाल कर लेते हैं। ऐसा ही कुछ तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में सामने आया ।
फिल्म देखकर रची गई साजिश-
पति से छुटकारा पाने के साथ उसके मन में ललक थी कि वह प्रेमी राजेश के साथ जीवन गुजारे। ऐसा मुमकिन करने के लिए उसने प्रेमी के चेहरे को तेजाब से झुलसा दिया। फिर ससुराल पक्ष के लोगों को बताया कि सुधाकर हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गया है। उसका चेहरा पूरी तरह से खराब हो चुका है। लिहाजा प्लास्टिक सर्जरी करने की जरूरत है। सुधाकर के परिजनों ने स्वाति की बातों पर यकीन करते हुए प्लास्टिक सर्जरी कराने की अनुमति दे दी।
फिर क्या था, राजेश को सुधाकर का चेहरा दे दिया गया। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन सुधाकर के परिजनों को राजेश के हावभाव से शक होने लगा। उन्हें लगा कि दाल में कहीं कुछ काला जरूर है। उन्होंने पुलिस को इत्तला दे दी। पुलिस के सामने बड़ा सवाल था कि असली-नकली सुधाकर की पहचान कैसे की जाए। कोई रास्ता निकलता न देख पुलिस ने सुधाकर बने राजेश की उंगलियों के निशान लिए।
आधार से हुआ हत्या का खुलासा-
सुधाकर ने आधार कार्ड बनवा रखा था। उसकी उंगलियों के निशान भी रिकॉर्ड में मौजूद थे। जब राजेश के निशान से कंप्यूटर में मौजूद सुधाकर की उंगलियों के निशान से मिलान किया गया तो पुलिस भौचक रह गई।
दाल में काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली थी। स्वाति से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सारी कहानी बयान कर दी। 26 नवंबर को राजेश के साथ मिलकर सुधाकर की हत्या उसने ही की थी। हत्या के बाद दोनों शव को जंगल में ले गए और वहां जला दिया।
उसके बाद से हत्या को छिपाने के लिए पूरी फिल्मी कहानी रच डाली। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक, स्वाति ने बताया कि उसने येवादू फिल्म को देखकर हत्या की साजिश रची थी। येवादू देखने के बाद ही लगा कि वह राजेश को अपना हमसफर बनाने के लिए फिल्मी कहानी का इस्तेमाल कर सकती है।