बुंदेलखंडभोपाल

घर से भाग रहे थे प्रेमी युगल, परिजनो ने पकड़ा फिर हुआ यह…

बैराड़। बैराड़ कस्बे में गुरुवार को एक सजातीय प्रेमी युगल के घर से भागने का मामला प्रकाश में आया। बताया जा रहा है कि परिजन उन्हें थाने ले गए और राजीनामा कर लिया। थाना परिसर स्थित शिव मंदिर में ही वरमाला पहनाकर शादी करवा दी गई। वहीं पुलिस ने दोनों पक्षों में मुंहवाद के बाद थाने आने की बात तो स्वीकारी, लेकिन थाना परिसर में स्थित मंदिर पर शादी होने की बात से अनभिज्ञता जाहिर की है।

चर्चा यह भी है कि जिस लड़की की थाना परिसर में शादी हुई है, वह नाबालिग है। इसलिए पुलिस पूरे मामले से अब पल्ला झाड़ रही है। बैराड़ के टपरा मोहल्ला में रहने वाली एक लड़की के परिजनों ने कुछ माह पहले कनाखेड़ी में सगाई कर दी थी, लेकिन लड़की का प्रेम-प्रसंग जरियाखुर्द में रहने वाले मोनू जाटव से चल रहा था।

इस सगाई से नाखुश लड़की बुधवार की देर रात मोनू के साथ चली गई, लेकिन किसी तरह परिजनों को इसकी खबर लग गई। उन्होंने दोनों को पकड़ लिया। देर रात करीब 12 बजे बैराड़ थाने ले आए। यहां लड़की ने अपनी इच्छा से युवक के साथ घर से जाने और उसी से शादी करने की बात कही। दोनों के परिजन विवाह कराने के लिए राजी हो गए।

सुबह थाना परिसर में ही स्थित शिव मंदिर पर परिजनों व अन्य लोगों की मौजूदगी में युवक और लड़की ने वरमाला पहनाकर विवाह रचाया और लड़की को लेकर मोनू अपने घर चला गया। थाने में हुई शादी की फोटो सोशल साइट पर वायरल हो गए। इसके बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई। थाना परिसर में शादी होने की बात से पुलिस ने किनारा कर लिया।

सीएम ड्यूटी में हूं- टीआई

इस मामले को लेकर जब बैराड़ थाना प्रभारी ओपी आर्य से पूछा गया तो उनका कहना था कि वे रन्नौद में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के कार्यक्रम में ड्यूटी पर हैं। उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी नहीं है।

राजीनामा हो गया था शादी का पता नहीं

टीआई की गैर मौजूदगी में थाने की कमान संभाल रहे एचसीएम गोविंद शर्मा ने कहा कि देर रात युवक-लड़की के साथ उनके परिजन थाने आए थे। उन्होंने शिकायत की थी कि युवक फोन करके लड़की को परेशान करता है, लेकिन बाद में उनका राजीनामा हो गया।

उन्होंने किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं करवाई। हम लोग थाने के अंदर काम में व्यस्त थे। परिसर में स्थित मंदिर पर क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं है। लड़की बालिग है या नाबालिग इसकी भी जानकारी नहीं है, क्योंकि राजीनामा होने के कारण परिजनों ने रिपोर्ट नहीं लिखाई थी, इसलिए दस्तावेज नहीं लिए गए।

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