उत्तराखंड में तबाही को देखते हुए उप्र और बिहार में गंगा किनारे के सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे के 10 मंडलों के 27 जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश में गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जिलों के जिलाधिकारियों/पुलिस अधीक्षकों को लगातार निगरानी के निर्देश दिये गए हैं। परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार की ओर से राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) को भी अलर्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जल स्तर बढ़ने की दशा में गंगा नदी के किनारे बसे लोगों को वहां से अन्यत्र भेजा जाएगा। लोगों से अपील है कि वे किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें। न ही अफवाह फैलाएं। बिहार में भी आपदा प्रबंधन विभाग व उससे संबंधित अन्य विभागों को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि बिहार के लिए अभी खतरे की कोई आशंका नहीं। पटना तक गंगा का पानी पहुंचने में कम से कम तीन दिन लगेंगे और आपात स्थिति से निपटने की पूरी व्यवस्था है। आपात स्थिति आने पर तटीय इलाके की आबादी को निकालने की तैयारी हो रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर वहां आपदा से संबंधित पूरी स्थिति का जायजा लिया। कहा, बिहार आपदा की इस घड़ी में उत्तराखंड के साथ है।
उप्र में 27 जिलों के डीएम हाई अलर्ट पर : उप्र में अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने मुरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, बरेली, कानपुर, प्रयागराज, मीरजापुर, वाराणसी और आजमगढ़ मंडलों के आयुक्त और इन मंडलों के 27 जिलों के डीएम को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी कर दिया है। अधिकारियों से कहा गया है कि गांवों में जनता को अलर्ट करें ताकि अचानक पानी आने से कोई अप्रिय घटना न हो। बुलंदशहर, मेरठ के हस्तिनापुर में भी सतर्कता बरती जा रही है। कानपुर में गंगा बैराज से रविवार रात ही एक हजार क्यूसेक पानी प्रयागराज संगम के लिए छोड़ने की तैयारी है।
UP के इन जिलों में अलर्ट : बिजनौर, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, संभल, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, कासगंज, बदायूं, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, कन्नौज, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, रायबरेली, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, भदोही, मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया व चंदौली।
Bihar में तीन दिन बाद ही असर : बिहार में पटना सहित बक्सर, छपरा, भागलपुर, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय आदि गंगा के किनारे अवस्थित हैं। पटना में तीन दिन बाद ही कोई असर पड़ेगा, जिसकी आशंका अभी क्षीण है। गंगा-सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि विभाग की टीम फिलहाल प्रयागराज में जलस्तर पर नजर रख रही है। अनुमान है कि मंगलवार सुबह तक प्रयागराज में गंगा के जलस्तर पर प्रभाव दिखेगा। सुरक्षात्मक उपाय की सभी तैयारियां की जा रही हैं। अभियंताओं के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को गंगा के किनारे लगातार गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं।