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Lok Sabha Election 2019: नौ राज्यों के 71 सीटों पर मतदान आज, कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में सोमवार को नौ राज्यों के 71 संसदीय क्षेत्रों में मतदान है। भारतीय लोकतंत्र के सियासी त्योहार का यह चरण सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगी दलों के लिए नाक का सवाल हो सकता है।

चूंकि 2014 के आम चुनाव में राजग यहां की 56 सीटों पर काबिज हुआ था। तब कांग्रेस को केवल दो सीटें और अन्य विपक्षी दलों में तृणमूल कांग्रेस को छह और बीजू जनता दल को भी छह सीटें ही मिली थीं। सोमवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक महाराष्ट्र की 17 सीटों, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की 13-13 सीटों, पश्चिम बंगाल की आठ, मध्य प्रदेश की छह, ओडिशा की छह, बिहार की पांच और झारखंड की तीन सीटों के लिए मतदान होना है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट के कुछ हिस्सों में भी मतदान होगा। पिछले आम चुनाव यानी 2014 में भाजपा ने राजस्थान और मध्यप्रदेश में कुल 54 सीटों में से दो को छोड़कर सब पर भगवा रंग चढ़ा दिया था।

लेकिन पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में इन दोनों राज्यों में एक तरह से कांग्रेस की वापसी हुई है। ध्यान रहे कि लोकसभा चुनाव के पहले तीन चरणों में 302 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान हो चुका है। आखिरी तीन चरणों में 168 से अधिक सीटों पर मतदान होना बाकी है। मौजूदा चौथे चरण में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सुभाष भामरे, एसएस अहलूवालिया, बाबुल सुप्रियो, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और अधीर रंजन चौधरी आदि समेत कुल 961 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। इस चरण में 12.79 करोड़ मतदाता अपने मताधिकारों का उपयोग करेंगे। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में कन्हैया कुमार (भाकपा), बैजयंत पांडा (भाजपा), उर्मिला मातोंडकर (कांग्रेस) डिंपल यादव (सपा), सताब्दी रॉय (तृणमूल कांग्रेस) और मिलिंद देवड़ा (कांग्रेस) प्रमुख हैं।

चुनाव आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाते हुए 1.40 लाख पोलिंग बूथ और बूथ स्टेशन बनवाए हैं। इस चरण के साथ महाराष्ट्र में चुनावों का समापन हो जाएगा। विपक्षी दल कांग्रेस अपने पुराने गढ़ उत्तरी महाराष्ट्र और मुंबई में फिर अपनी पकड़ बनाने के लिए संघर्षरत है। जबकि राकांपा ठाणे और पश्चिमी महाराष्ट्र में अपना दबदबा बनाए रखना चाहती है।

भाजपा और उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 2014 में सभी 17 सीटें जीती थीं। चौथे चरण में केंद्रीय मंत्री सुभाष भामरे, कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा और उर्मिला मातोंडकर प्रमुख उम्मीदवार हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे के भी भाग्य का फैसला होना है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 13 सीटों पर भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के बीच सीधी टक्कर तय हैं। साथ ही कन्नौज सीट भी सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।

2014 में भाजपा ने राज्य में 13 में से कुल 12 सीटें ही जीती थीं। सिर्फ कन्नौज सीट पर सपा काबिज हुई थी। वहीं, पश्चिम बंगाल में चार जिलों में फैली सभी आठ सीटों पर तृणमूल, कांग्रेस, भाजपा, कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच लड़ाई रहेगी।

ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद ने सभी छह सीटें जीत ली थीं। इस दफा इन सीटों पर काबिज होने के लिए भाजपा ने एड़ी-चोटी लगा दी है। बिहार में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को सभी पांच सीटें वापस अपने कब्जे में करने की उम्मीद है।

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