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दिग्विजय सिंह ने किया शिवराज सिंह के बयान पर पलटवार 

दिग्विजय सिंह ने किया शिवराज सिंह के बयान पर पलटवार

उज्जैन। गुप्त नवरात्रि के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को लंगड़ी सरकार बताने पर पलटवार करते हुए कहा है कि ऐसा कहकर उन्होंने राज्यपाल का अपमान किया गया है। शिवराजसिंह चौहान इसके लिए माफी मांगें।

धार्मिक यात्रा पर मंगलवार देर शाम शहर आए पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने सर्किट हाउस पर मीडिया से कहा- शिवराजसिंह चौहान खुद अपनी पार्टी में अलग-थलग पड़ गए हैं। सूची में उनका नाम 13वें नंबर पर होने को लेकर कहा- हमारी पूरी सहानुभूति उनके साथ हैं। सिंहस्थ घोटाले पर कहा सभी घोटालों की जांच होगी। जन आयोग बनेगा। जिस-जिस ने पैसा खाया है, उनको ठीक किया जाएगा।

*तो शिवराज चुप क्यों हो गए*

रतलाम में संघ पदाधिकारी द्वारा मजदूर की हत्या कर खुद की हत्या की साजिश रचने के मामले में सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री चौहान पर हमला करते हुए कहा पहले तो वे धरना देने की बात कर रहे थे, लेकिन सच्चाई सामने आई तो वे चुप क्यों हो गए। जब यह पता चला कि हिम्मत पाटीदार ने ही मजदूर की हत्या की तो शिवराज कुछ बोल नहीं रहे हैं। दरअसल, सरकार बदलने के बाद भाजपा में हिसाब-किताब को लेकर विवाद हो रहे हैं।

*घोटाले हो रहे तो सहकारी बैंक भंग कर देना चाहिए*

कर्ज माफी को लेकर घोटालों को लेकर भी दिग्विजयसिंह खुलकर बोले- कहा एक-एक सोसायटी में लाखों रुपए के घोटाले सामने आ रहे हैं। इस कारण सहकारी बैंक को, संस्था को भंग कर देना चाहिए और घोटालों करने वालों को जेल के सींखचों के पीछे डाल देना चाहिए। बैंकों में प्रशासकीय अधिकारी बैठाना चाहिए।

*मुख्यमंत्री से बड़ा काफिला*

पूर्व मुख्यमंत्री का जलवा मंगलवार को देखने को मिला। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के कारकेड से भी बड़ा उनका काफिला नजर आया। कई वाहन उनके काफिले के पीछे दौड़ रहे थे।

*बस नहीं है क्या*

प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री सिंह को भीड़ से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे, लेकिन उनकी गाड़ी में बैठने के लिए कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के बीच होड़ लगी रही। इतनी भीड़ देख वे बोले बस नहीं है क्या। शाम करीब 7.30 बजे वे सर्किट हाउस पहुंचे। बाद में महाकाल मंदिर और हरसिद्धि मंदिर दर्शन व पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री के साथ तराना विधायक महेश परमार, प्रदेश महामंत्री भरत पोरवाल, निगम में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र वशिष्ठ मौजूद थे।

*दिग्विजयसिंह बोले- प्रकाशपुरी हमारे महंत*

महाकाल दर्शन करने आए पूर्व दिग्विजयसिंह मंदिर परिसर स्थित महानिर्वाणी अखाड़े में महंत प्रकाशपुरीजी से मिलने पहुंचे। चर्चा के दौरान महंत ने उन्हें वर्तमान में अखाड़े में चल रहे घटनाक्रम की जानकारी दी। इस पर उन्होंने अफसरों से कहा कि प्रकाशपुरीजी हमारे महंत हैं। इनका विशेष ध्यान रखा जाए। गौरतलब है कि दिग्विजयसिंह ने ही मुख्यमंत्री रहते हुए प्रकाशपुरीजी को मंदिर प्रबंध समिति का सदस्य नियुक्त किया था।

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