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राजधानी सहित उत्तर भारत मे भूकंप, जानमाल का नुकसान नहीं

नई दिल्ली. देश की राजधानी में बुधवार देर शाम भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यूरोपियन मैडिटैरियन सीज्मोलॉजिकल सेंटर के मुताबिक, भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के देहरादून से 121 किमी दूर पूर्व में था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5 थी। दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड के अलावा हरियाणा और पंजाब में भी झटके महसूस किए गए। बता दें कि इसी साल जून में भी दिल्ली में भूकंप आया था। रेक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता 5 मापी गई थी।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

भारत के आसपास भूकंप की क्या है वजह?
– हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आते हैं। इसी बेल्ट में हिंदूकुश रीजन भी आता है। 2015 के अप्रैल-मई में नेपाल में आए भूकंप के कारण करीब 8 हजार लोगों की मौत हुई थी।

हिमालय कुछ सेंटीमीटर की दर से उत्तर में खिसक रहा है
हिमालयन फॉल्ट लाइन पर भारत सरकार की मदद से अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की थी। यह स्टडी यूएस जर्नल लिथोस्फीयर और जेजीआर में छपी थी। इस स्टडी को लीड कर चुके जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के सी.पी. राजेंद्रन के मुताबिक, हिमालय 700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। यह फॉल्ट लाइन ऐसे मुहाने पर पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से कभी भी वहां ऐसा भूकंप आ सकता है जो पिछले 500 साल में नहीं देखा गया हो।

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