चम्बल में जाबांज आईजी के रूप में संतोष कुमार सिंह का एक साल बेमिसाल,अपराधियों के खिलाफ की ताबड़तोड़ कार्यवाहियां, गुण्डे-बदमाशों में रहा भय का माहौल
चम्बल में जाबांज आईजी के रूप में संतोष कुमार सिंह का एक साल बेमिसाल,अपराधियों के खिलाफ की ताबड़तोड़ कार्यवाहियां, गुण्डे-बदमाशों में रहा भय का माहौल

भिण्ड।चम्बल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह ने विगत एक साल पूर्व चम्बल रेंज की कमान संभाली थी। देशभक्ति जनसेवा के नारे को बुलंद करने वाले चम्बल रेंज के आईजी संतोष कुमार सिंह ने हर विषम परिस्थिति में पुलिस का झण्डा फहराने में अपनी अहम भूमिका निभाई। विगत एक वर्ष के कार्यकाल में चम्बल में पुलिस ने जो अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाहियां की उसमें चम्बल आईजी संतोष कुमार सिंह ने अपनी मुख्य भूमिका अदा की हैं। चम्बल आईजी संतोष कुमार सिंह ने 22 जनवरी 018 को चम्बल रेंज का कार्यभार संभाला था। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने चम्बल जोन के भिण्ड, मुरैना, दतिया, श्योपुर के थानों का समय-समय पर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि चम्बल में अपराध को खत्म करना हमारा पहला लक्ष्य है, इसे ही ध्यान में रखते हुए हम अपने कर्तव्यों को अंजाम दें। संतोष कुमार सिंह ने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की। इतना ही नहीं चम्बल के जिन जिलों में कभी भी जब कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी तो सबसे पहले वहां पर पहुंचने का काम चम्बल आईजी संतोष कुमार सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने पुलिस टीम भावना से काम करते हुए अपने कार्यों को अंजाम दिया। आज चम्बल से एक और जांबाज पुलिस अधिकारी का तबादला हो गया, लेकिन उनके कार्यों को व उनकी अच्छाईयों को जनता हमेशा याद रखेगी। बीते एक वर्ष में उन्होंने अपनी तेजतर्रार अधिकारी के रूप में जनता के समक्ष अपनी स्वच्छ छवि को प्रदर्शित किया। आईजी संतोष सिंह ने 2018 के विधानसभा चुनाव को चम्बल जोन के प्रत्येक विधानसभा के प्रत्येक मतदान केन्द्र पर निष्पक्ष रूप से चुनाव की प्रक्रिया को सम्पन्न कराया। जहां चम्बल में मतपत्र, पेटियां लूटने और ईव्हीएम मशीन तोड़ने तथा चुनाव कराने वाले कर्मचारियों को भी असमाजिक तत्वों द्वारा मारापीटा जाता था। चुनाव के दौरान गाली से लेकर गोली तक की घटनाएं घटित होती थी। कई घरों के लोग चुनाव के दौरान काल के गाल में समा जाते थे। उसी चम्बल में आईजी संतोष कुमार सिंह ने चुनाव के दौरान परिंदे तक को पर नहीं मारने दिया। यह आईजी की कार्यकुशलता का ही परिणाम रहा कि चुनाव के दौरान कोई भी बड़ी घटना चम्बल जोन में घटित नहीं हुईं। आईजी की तेजतर्रार कार्यवाहीं ने अपराधियों के घुटने टिकवा दिए। आईजी का पूरे कार्यकाल के दौरान अधीनस्थों को यहीं फरमान रहा कि अपराधी कितना भी पहुंच वाला क्यों न हों, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाहीं की जाए, गुण्डे मबाली इलाका छोड़ने को मजबूर हो जाएं। बदमाशों में पुलिस का भय व्याप्त हो, ऐसी पुलिसिंग करना मेरी प्राथमिकता में हैं। आज चम्बल जोन से एक जाबांज अधिकारी का तबादला भले हीं हो गया हो, लेकिन संतोष कुमार सिंह का नाम और कार्यकाल चम्बल में लोगों को सदैव याद रहेगा। अभी तक चम्बल रेंज में चम्बल आईजी की तेजतर्रार कार्यप्रणाली से अपराधियों में भय का वातावरण निर्मित हुआ था और आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा था।



