अहमदाबाद। गुजरात का किला फतह करने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कमर कस ली है। विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए दोनों दलों के स्टार प्रचारक जोर लगा रहे हैं।
भाजपा के स्टार प्रचारकों में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, वहीं कांग्रेस राहुल गांधी, अशोक गहलोत और अल्पेश के भरोसे है।
हार्दिक कांग्रेस के लिए वोट नहीं मांग रहे, लेकिन भाजपा को हराने की खातिर जमकर मेहनत कर रहे हैं। इस बीच, भाजपा ने पड़ोसी राज्य राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अभी तक प्रचार में नहीं उतारा है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं।
22 साल से लगातार सत्ता में रहने के बाद भाजपा गुजरात चुनाव में विकास का मुद्दा लेकर मैदान में है। लेकिन, यहां सवाल कुछ और ही उठ रहे हैं। हालत ये है कि चुनाव घोषणापत्र के लिए भी दोनों दल पहल करने से कतरा रहे हैं।
कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पार्टी के गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत, सांसद अहमद पटेल, यूपी अध्यक्ष राज बब्बर, पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और अल्पेश ठाकोर समेत कई लोगों को स्टार प्रचारक बनाया है।
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के सुपर स्टार प्रचारक हैं। उनकी सरकार के दर्जनों मंत्री पार्टी के प्रचार में लगे हैं। मोदी और योगी राज्य में धुआंधार प्रचार कर रहे हैं।
इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना-प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी, रेल मंत्री पियूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पुरुषोत्तम रूपाला आदि भी इस बार स्टार प्रचारक हैं।
पार्टी प्रभारी सांसद भूपेंद्र यादव, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, सांसद परेश रावल के अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल का नाम भी स्टार प्रचारकों की सूची में दर्ज है।
भाजपा ने 2007 के चुनाव में विहिप नेता आचार्य धर्मेंद्र और 2012 के चुनाव में योगगुरु बाबा रामदेव को प्रचार के लिए उतारा था। लेकिन, इस बार वे नजर नहीं आ रहे।
गुजरात में राजस्थानी समुदाय की आबादी बहुत ज्यादा है। लेकिन, वहां की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चुनाव प्रचार में नहीं उतारना एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
चर्चा है कि केंद्र से अनबन के चलते वसुंधरा राजे प्रचार से किनारा कर गई हैं। हालांकि, भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव भी राजस्थान से ही हैं। दोनों नेताओं में 36 का आंकड़ा है, जिसका प्रभाव यहां नजर आ रहा है।