राष्ट्रीय

SC ने किया MP सरकार से सवाल, क्या 6500 रूपये लगाई रेप की कीमत

नई दिल्ली। निर्भया फंड से मिले पैसे और उसे पीड़ितों में बांटे जाने का ब्योरा न दिए जाने पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्यों ने आदेश के बावजूद हलफनामा दाखिल कर ब्योरा नहीं दिया है। इसका यही मतलब निकलता है कि राज्य सरकारें महिलाओं की सुरक्षा लेकर चिंतित और गंभीर नहीं हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश में दुष्कर्म पीड़िताओं को महज 6000 और 6500 रुपये मुआवजा दिए जाने पर अचम्भा जताते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या राज्य कोई चैरिटी (धर्मार्थ) कर रहा है।

न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने नाराजगी जताते हुए राज्यों से कहा कि अगर उन्हें महिलाओं के कल्याण में रुचि हो तो वे चार सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर दें। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई 27 मार्च तक टाल दी।

इससे पहले कोर्ट ने राज्यों के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, जेंडर जस्टिस आदि के बारे में चर्चा और गंभीरता दिखाए जाने के बावजूद 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कोर्ट के गत 9 जनवरी के आदेश के मुताबिक हलफनामा दाखिल कर ब्योरा नहीं दिया है। उस आदेश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया था कि वे हलफनामा दाखिल कर बताए कि उन्होंने पीड़ित महिलाओं को मुआवजे के मद में निर्भया फंड से कितना पैसा प्राप्त किया और उसमें से कितना पीड़ितों में बांटा है।

इसके अलावा राज्य में कुल कितनी महिलाएं यौन उत्पीड़न की शिकार हैं, इतनी छोटी सी जानकारी राज्यों ने नहीं दी। जिन राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में ब्योरा नहीं दिया है उनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, दादर नागर हवेली, दमन एंड दीव, दिल्ली और लक्ष्यद्वीप हैं।

उधर, मध्य प्रदेश की ओर से दाखिल हलफनामे में दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं को दिए गए मामूली मुआवजे पर कोर्ट ने अचंभा और नाराजगी जताई। पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि उसके यहां कुल 1951 दुष्कर्म पीड़ित हैं और वह प्रत्येक को महज 6000 और 6500 रुपये मुआवजा दे रहा है। क्या राज्य कोई धर्मार्थ कर रहा है? राज्य ऐसा कैसे कर सकता है? राज्य सरकार की निगाह में दुष्कर्म का मूल्यांकन सिर्फ 6500 है। ये बहुत असंवेदनशीलता है। पीठ ने कहा कि राज्य को निर्भया फंड से सबसे अधिक पैसा मिला और उसने उसमें से सिर्फ करीब एक करोड़ ही कुल 1951 पीड़ितों में बांटे। कोर्ट ने हरियाणा को भी आड़े हाथ लिया।

Show More

Related Articles

Back to top button