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राशन कार्ड के बदले बेबस महिला से ली जिस्म की रिश्वत, अब 13 लोगों को हुआ एड्स

गोरखपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कई वर्षों से गोरखपुर से सांसद रहे हैं। तब उस दौरान उन्होंने गोरखपुर में भ्रष्टाचार मिटाने के कई दावे किए थे। लेकिन इन दिनों एक ऐसी खबर गोरखपुर से आ रही है जिससे खुद सीएम योगी व गोरखपुर जिला प्रशासन को हिला कर रख दिया है। हुआ यह है कि भ्रष्टाचार की शिकार एक पीड़ित महिला द्वारा रिश्वत देना 13 लोगों को भारी पड़ गया है। महिला से रिश्वत के रूप में इन 13 लोगों को रकम नहीं ​बल्कि एड्स जैसी भयंकर ​बीमारी मिली है। ये 13 लोग कोई आम आदमी नहीं है। इनमें से कोई ग्राम प्रधान है, कोई रोजगार सेवक तो कोई खाद्य विभाग का कर्मचारी। इन लोगों पीड़ित महिला से राशन कार्ड बनवाने और विधवा पेंशन दिलवाने के लिए रिश्वत मांगी थी। रिश्वत भी कोई छोटी मोटी नहीं बल्कि इन लोगों ने महिला को अपने साथ सोने को कहा। महिला के पास भी शायद इन लोगों की बात मानने के अलावा और कोई रास्ता था।

महिला के पति की हो चुकी है मौत
करीब छह साल पहले गोरखपुर के भटहट गांव मे 24 वर्षीय पीड़ित महिला दुल्हन बनकर आई थी। उकसा पति मुंबई में किसी कारखाने में मजदूर था। शादी के तीन साल बाद ही उसकी मौत हो गई। वो अक्सर बीमार रहता था आशंका है कि उसे भी एड्स था। संदेह है कि पीड़ित महिला को शायद अपने पति से ये बीमारी लगी होगी। पीड़ित को कोई बच्चा भी नहीं हुआ।
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राशन कार्ड व विधवा पेंशन के नाम पर शोषण
पीड़िता ने सोचा कि राशन कार्ड व विधवा पेंशन से उसकी जिंदगी कुछ हद तक आसान हो जाएगी। जिसके लिए उसने गांव के ही एक रोजगार सेवक से मद्द मांगी। रोजगार सेवक उसे प्रधान के पास ले गया। प्रधान से ग्राम सचिव से महिला की मुलाकात कराई। इनता ही नहीं इन तीनों के बीच अन्य 9 लोग बतौर बिचौलियां बने। जिन्होंने रिश्वत के नाम महिला का यौन शोषण किया।

महिला को एड्स था, ‘रिश्वत’ लेने वालों को भी हो गया
ये सब करीब तीन साल तक चलता रहा। ये 13 लोग उससे ‘रिश्वत’ लेने के नाम पर उसका शोषण करते रहे। फिर करीब तीन महीने पहले वो औरत बीमार हो गई। उसने प्रधान को बताया। प्रधान ने किसी नीम-हकीम से इलाज करवा दिया। जब कोई लाभ नहीं तो डॉक्टर से उसके खून की जांच कराई गई। जब रिपोर्ट आई तो प्रधान के पैरों तले जमीन ही खिसक गई। तब पता चला कि महिला को एड्स था। अब तो जिन्होंने रिश्वत लेने के नाम पर उसके साथ संबंध बनाए थे सभी लोगों के चेहरे भी काले पड़ गए। बीआरडी कॉलेज में दोबारा महिला की जांच हुई। वहां भी जांच का नतीजा वो ही आया। फिर इन सब ‘रिश्वत’ लेने वालों ने एक-एक करके अपनी जांच करवाई। उन सबको भी एड्स था। इन 13 लोगों के एचआईवी पॉजीटिव पाए गए।
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सरकारी मद्द घिनौना सच
महिला को अगर एड्स नहीं होता तो यह कभी पता नहीं चलता की सरकारी मद्द के नाम पर किस तहर एक महिला के साथ शोषण किया गया। कोई कभी नहीं जान पाता कि एक अकेली औरत को राशन कार्ड और विधवा पेंशन जैसी जरूरी सरकारी मदद पाने के लिए कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। हर महीने मिलने वाले कुछ किलो अनाज के लिए 13 लोगों के साथ सोना पड़ता है। इस मामले से समझा जा सकता है कि सरकारी अमला भ्रष्टाचार में कितने डूबा है।

इन 13 की पत्नियों को भी एड्स का खतरा
पूरे जिले में यह खबर आग की तरह भी फैल गई है। गांव के लोगों का कहना है कि इन 13 लोगों को उनकी करनी का ही फल मिला है। मामला यहीं खत्म नहीं होता। असल में यह मामला और भी खतरनाक बन गया है। उसका कारण यह है कि जिन 13 लोगों को एड्स हुआ है उन्होंने अपनी पत्नियों के साथ संबंध बनाए होंगे। ऐसे में इनकी पत्नियों को भी इस बीमारी का खतरा है।

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