
ग्वालियर। अल्प वर्षा के कारण पेयजल संकट से निपटने की बात कहकर ककैटो और पेहसारी बांध का सीना चीरकर तिघरा बांध में 1248 एमसीएफटी पानी लाया गया। लिफ्टिंग के लिए सरकार ने साढ़े नौ करोड़ रुपए स्वीकृत किए। इस पानी की शहर में सप्लाई पर घोटाले की परतें चढ़ती नजर आ रही हैं। तिघरा बांध जल संसाधन विभाग के अधीन है। उसका कहना है कि भीषण गर्मी पड़ने पर हर रोज 6.75 एमसीएफटी पानी शहर को दिया जा रहा है। विभाग के इस दावे को नगर निगम के अधिकारी झुठला रहे हैं। उनका कहना है कि साढ़े पांच से पौने छह एमसीएफटी पानी ही ले रहे हैं। अब ऐसी स्थिति में हर रोज करीब 0.80 एमसीएफटी यानी डेढ़ लाख लोगों का पानी कहां जा रहा है, यह सवाल खड़ा हो गया है।
हर दिन खर्च हो रहा 10 एमसीएफटी पानी
बल्क मीटर की मांग
पानी सप्लाई में घोटाले को लेकर लंबे समय से विपक्ष आरोप लगाता रहा है। आरोपों से बचने तिघरा पर ही बल्क मीटर लगाने पर सहमति बनी थी। ऐसा होने पर तिघरा से पानी निकलते ही बूंद-बूंद की गणना कोई भी कर सकता था। लेकिन निगम प्रशासन ने इस दिशा में काम नहीं किया। इसलिए जल संसाधन विभाग और निगम के दावों पर विपक्ष ने फिर कड़े तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं।
500 रुपए जलकर लेने की तैयारी
नगर निगम प्रशासन चंबल से पानी लाने की कवायद में जुटा है। फाइनल होने तक यह प्रोजेक्ट करीब 400 करोड़ रुपए तक पहुंचेगा। यह राशि एनसीआर से ब्याज पर लेने की तैयारी है। चंबल से पानी लिफ्ट करने पर हर साल औसतन 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ऐसी स्थिति में शहर के उपभोक्ता पर जलकर का भार बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में एक घरेलू कनेक्शन पर 180 रुपए महीना लिया जाता है, जिसे बढ़ाकर 500 रुपए करने की तैयारी है। पिछले दिनों यह प्रस्ताव मेयर इन काउंसिल में भी निगमायुक्त विनोद शर्मा ने रखा था, लेकिन पार्षदों के विरोध के कारण वह मंजूर नहीं हो सका।
पानी पर एक नजर
-शहर की आबादी 13 लाख
-एक व्यक्ति को औसत पानी 135 लीटर
-1 मार्च से एक दिन छोड़कर दिया जा रहा है पानी
-ककैटो, पेहसारी से 1248 एमसीएफटी पानी लिफ्ट कर तिघरा लाया गया।
-पानी लिफ्ट करने के लिए शासन ने मंजूर किए 9.26 करोड़ रुपए।
-180 रुपए प्रतिमाह है जलकर।
-चंबल से पानी लाने पर 351 करोड़ खर्च की बनाई है डीपीआर।




