सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई आधार लिंकिंग की तारीख, 31 मार्च तक हो सकेंगे आधार लिंक
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए आधार कार्ड की बैंक व मोबाइल के आलावा अन्य योजनाओं से लिंकिंग अनिवार्य करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 तक बढ़ा दी।
सर्वोच्च न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार द्वारा तारीख बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे पहले अदालत ने आधार की अनिवार्यता पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर सुनवाई गुरुवार को पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले आधार की अनिवार्यता का विरोध करते हुए वकीलों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में ही अंतरिम आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि आधार स्वैच्छिक होगा न कि अनिवार्य। कोर्ट ने अंतरिम आदेश में यह भी कहा था कि आधार योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक किसी को भी आधार न होने के कारण योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा।
कोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार ने आधार को कानून बना दिया, लेकिन सरकार कानून के जरिए भी कोर्ट के आदेश का विरोध नहीं कर सकती। सरकार एक-एक कर हर चीज में आधार को अनिवार्य करती जा रही है। आधार कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति समेकित निधि से दी जा रही किसी सबसिडी का लाभ लेता है तो उसके लिए आधार जरूरी किया जा सकता है, लेकिन बैंक खातों के बारे में तो ऐसा नहीं है। उसके लिए आधार को कैसे अनिवार्य किया जा सकता है।
सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि अगर कोई अपना ड्राइविंग लाइसेंस या फिर पासपोर्ट बनवाता है तो उंगलियों के निशान देता है। 54.24 लाख लोग आधार लिंक करा चुके हैं। हालांकि आधार की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है। सिर्फ मोबाइल के लिए यह सीमा छह फरवरी है, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश है।
इसके अलावा नया खाता खुलवाने के लिए आधार चाहिए होगा।यूआईडीएआई के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि 2 लाख फर्जी खाते पाए गए हैं। कालेधन और मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने के लिए ही आधार को खातों से जोड़ा जा रहा है। आधार का विरोध कर रहे वकीलों की मांग थी कि सभी चीजों के लिए आधार की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ाई जानी चाहिए। कोर्ट की झलकियां
प्रधान न्यायाधीश की टिप्पणी
20 हजार की आबादी में 200 असामाजिक तत्व जो मात्र एक फीसदी होते हैं, क्या पूरे शहर को नहीं डिस्टर्ब कर सकते। कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब आधार का विरोध कर रहे वकील ने कहा कि 54 लाख खातों में दो लाख का फर्जी पाया जाना कोई बड़ी संख्या नहीं है।
यूको बैंक ने आधार न होने पर वरिष्ठ वकील का नहीं किया फिक्स डिपॉजिट
वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने बताया कि उनके पास आधार न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट स्थित यूको बैंक की शाखा ने उनका फिक्स डिपॉजिट करने से मना कर दिया। बैंकमें ऐसा सिस्टम है कि वो आधार के बगैर फिक्स डिपॉजिट नहीं करता। यह बात तब उठी जब सरकार ने कहा कि नया खाता खोलने के लिए ही सिर्फ आधार जरूरी है, पुराने खातों के लिए फिलहाल नहीं।