
नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाह बेरी में बड़ा हादसा हुआ है। बिसरख कोतवाली क्षेत्र के गांव साबेरी में मंगलवार की रात करीब साढ़े नौ बजे दो इमारतें धराशायी हो गईं।
छह मंजिली दोनों इमारतों में रह रहे 12 परिवारों के दबे होने की आशंका है। जिलाधिकारी समेत छह थानों की पुलिस और रेसक्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया है। गाजियाबाद व बुलंदशहर से रेस्क्यू टीमें बुलाई गई हैं।
पुलिस के मुताबिक दोनों इमारतें अवैध रूप से बनाई गई थीं। एक इमारत तो पूर्ण हो गई थी, जबकि एक में कुछ काम चल रहा था। इनमें 12 परिवार रहने लगे थे।
रात करीब साढ़े नौ बजे अचानक दोनों निर्माणाधीन इमारतें भरभराकर गिर गईं। इसके कारण उनके अंदर रह रहे 12 परिवारों के सदस्य मलबे में दब गए।
इमारतों के धराशायी होते ही आसपास में अफरातफरी मच गई। लोगों ने पुलिस को फोन किया। बिसरख समेत करीब छह थानों की पुलिस मौके पर पहुंची।
वहीं से पुलिस ने रेसक्यू टीम को सूचना दी। समाचार लिखे जाने तक टीम ने भी मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
कई लोगों के हताहत होने की भी आशंका जताई जा रही है। आशंका इस बात की भी है कि मलबे में कई लोग दबे हो सकते हैं। हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंच गईं हैं।
घायलों को पहुंचाया गया अस्पताल
हादसे के दौरान बिल्डिंग में काफी मजदूर मौजूद थे। घटना के बाद मौके पर भगदड़ मच गई। आसपास के लोग भी मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि मलबे में काफी लोग दबे हुए हैं।
इसमें कई लोगों की मौत की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि अभी प्रशासन ने किसी की मौत की पुष्टि नहीं की है। घायलों को अलग-अलग अस्पताल में पहुंचाया जा रहा है।
निर्माण कार्य पर रोक
बता दें कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इस एरिया में निर्माण कार्य पर रोक लगाई हुई है। इसके बावजूद यहां बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हो रहा है।
यहां किसानों से जमीन लेकर कई-कई मंजिला इमारतें बना दी गई हैं। इन पर फ्लैट बनाकर लोगों को बेचा जा रहा है। फ्रॉड के भी कई मामले सामने आ चुके हैं।
न नक्शा न आर्किटेक्ट का सत्यापन :
साबेरी गांव का ग्र्रेटर नोएडा में अधिग्रहण प्राधिकरण क्षेत्र 2010 में रद हो गया था। इसके बाद गांव में बड़ी संख्या में कालोनाइजर सक्रिया हो गए। उन्होंने किसानों से सस्ती दर से जमीन खरीदकर



