मध्यप्रदेश

किसान विरोधी है कांग्रेस, शिकायत कर किसानों की भावांतर राशि रोकीः मुख्यमंत्री

शिवपुरी-बदरवास।कोलारस उप चुनाव के लिए मतदान 24 को होगा। इससे पहले गुरुवार शाम 5 बजे प्रचार थम गया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने आज दर्जनों जनसभाओं में भाग लेते हुए रोड शो किया और बाद में सभा आयोजित की। उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाने कहा। 5 महीनों में 5 वर्ष के विकास पूरा कराने की बात कही। वे बोले कि कोलारस क्षेत्र में सिंध नदी है, लेकिन कोलारस, बदरवास व समीपवर्ती क्षेत्र पेयजल समस्या से जूझ रहा है।

15 वर्षों से कांग्रेस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती आई है, लेकिन कोलारस क्षेत्र प्रदेश में अपने पिछड़ेपन के कारण अलग-थलग पड़ गया है। लोकतंत्र में चुनाव विकास का अवसर होता है। 24 फरवरी को होने जा रहे मतदान में क्षेत्रीय जनता कोलारस, बदरवास के विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी जो विकास का पर्याय है, को विजयी बनाकर कोलारस विकास का मार्ग प्रशस्त करें। प्रदेश और देश में कृषि की बढ़ती लागत और उत्पादों का मूल्य गिरने से किसान के लिए खेती घाटे का सौदा हो गया। सरकार ने मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना आरंभ कर किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार के मॉडल मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान करने का फैसला किया। नीति आयोग भावांतर योजना का देशव्यापी विस्तार देने पर विचार कर रहा है। भावांतर भुगतान राशि मंजूर कर दी गई।

एक क्लिक में कोलारस क्षेत्र के किसानों की खाते में जमा हो जाती, लेकिन कांग्रेस ने इसकी शिकायत करके रोक लगा दी। जनता को फैसला करना चाहिए कि आखिर कांग्रेस जनता की हितैषी क्यों नहीं है। कांग्रेस विकास को रोकती है, जनता को मिलने वाली सुविधाएं जनता तक न पहुंचे यही कांग्रेस की नीति बन चुकी है। इसके पीछे कांग्रेस का अहंकार है। 15 वर्षों में कांग्रेस के प्रतिनिधित्व में क्षेत्र लगातार पिछड़ता गया है। इस उपचुनाव में आप भारतीय जनता पार्टी को अवसर देकर शेष बचे 5 मांह में भारतीय जनता पार्टी को भी परख लें। पिछले साढ़े 4 वर्षों की कसर यदि भाजपा 5 माह में पूरी नहीं करती तो आपको अख्तियार होगा कि आप आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को समर्थन न दें। उन्होंने मार्मिक शब्दों में कहा कि भारतीय जनता पार्टी नारे और वादे के बजाय काम में विश्वास करती है। किसी भी हाल में कोलारस विकास के मामले में अछूता नहीं रहेगा।

 

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