
ग्वालियर। 12 घंटे तक एक 25 वर्षीय विवाहिता अपने एक साल के बेटे और वृद्ध मां के साथ वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल के नीचे बैठी रोती रही। महिला की इस हालत के जिम्मेदार भी उसके अपने ही थे। महिला का पति खाते से 3.5 लाख रुपए लेकर गायब हो गया है और ससुर ने मोबाइल, पैसे छीनकर उसे घर से निकाल दिया था। पीड़िता हजीरा और महिला थाने पहुंची भी थी, लेकिन पुलिस ने धुतकार कर भगा दिया।
घटना पड़ाव स्थित लक्ष्मीबाई समाधि पार्क की है। सोमवार सुबह जब वीरांगना की पुण्यतिथि पर कुछ लोग समाधि स्थल पहुंचे तो पीड़िता की हालत देख मामले को समझा। 24 घंटे से भूखी मां और उसके एक साल के बच्चे को आहार दिया। साथ ही पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। जिस पर पड़ाव थाना पुलिस ने अपने वाहन से पीड़िता को हजीरा थाने पहुंचाया। अधिकारियों के दबाव पड़ने पर हजीरा पुलिस ने पीड़िता और उसकी मां को पुणे उसके घर पहुंचाने की व्यवस्था की है।
यह है मामला
पुणे निवासी सिरेल (25) डॉमिनोस में वर्कर है। वर्ष 2017 में उसकी शादी हजीरा के बिरला नगर निवासी शेखर पुत्र विनय जोशी के साथ हुई थी। दोनों का एक बेटा बबलू (एक साल) है। सिरेल की मां पुणे में एक शासकीय अस्पताल में बतौर सुपरवाइजर काम करती है। जिस समय सिरेल के पिता की मौत हुई थी उसकी उम्र 3 साल थी। मां ने ही उसे पाला। शादी के बाद से उसका पति शेखर कुछ नहीं करता था। इसलिए सिरेल खुद जॉब कर और मां के खाते से उसे खर्च के लिए रुपए दिलाती थी।
पति चोरी कर भागा, ससुर ने घर से धक्के देकर निकाला
पति शेखर की मदद के लिए सिरेल ने अपनी मां के खाते का एटीएम कार्ड अपने पास रखा था। अभी 27 मई को महिला का पति उसकी मां के खाते से 3.5 लाख रुपए निकालकर गायब हो गया है। जिसकी गुमशुदगी भी हजीरा थाने में दर्ज है। पीड़िता ने घटना के बाद अपनी मां को यहां बुला लिया था। पर रविवार दोपहर सिरेल और उसकी मां व एक साल के बेटे को घर से उसके ससुर विनय ने भगा दिया। इतना ही नहीं सिरेल व उसकी मां का मोबाइल और पैसे भी छीन लिए।
पुलिस ने किया बुरा बर्ताव
घटना के बाद पीड़िता पहले हजीरा थाने पहुंची। यहां उसने बताया कि उसका पति कहां है उसके ससुर को पता है। मोबाइल छीनकर ससुर ने उसे घर से निकाल दिया है। पर वहां मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने उसे महिला थाना जाने की कहकर भगा दिया। इसके बाद पीड़िता महिला थाने पहुंची। यहां तो हद हो गई। पीड़िता की बात सुनने से पहले ही महिला थाना पुलिस ने उसे धुतकार कर भगा दिया और फिर न आने की धमकी दी।
रातभर बेंच पर भूखे प्यासे पड़े रहे मां-बेटे और नानी
18 जून को रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर समाधि स्थल के सामने मैदान में मेले का आयोजन था। पीड़िता महिला थाने से निराशा मिलने के बाद समाधि स्थल पर जाकर बैठ गई। रात भर एक बेंच पर सिरेल, उसका मासूम बेटा व बेटे की नानी भूखे प्यासे पड़े रहे।
सुबह लोगों ने की मदद
सोमवार सुबह जब कुछ लोग वहां पहुंचे तो पीड़िता की बात सुनी और उसे खाने का सामान दिलाया। साथ ही आर्थिक मदद की। पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद पड़ाव पुलिस वहां पहुंची। पीड़िता को हजीरा थाने पहुंचाया। जब अधिकारियों की फटकार लगी तो पीड़िता को उसका मोबाइल वापस दिलाया गया। शाम को रिजर्वेशन कराकर तीनों को पुणे के लिए विदा किया गया है।



