राज्यपाल एनएन वोहरा के समय में चौथी बार लगेगा राज्यपाल शासन !

जम्मू। भाजपा का पीडीपी से समर्थन वापस लिए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में आठवीं बार राज्यपाल शासन लगना तय है।
एनएन वोहरा के राज्यपाल के कार्यकाल में चौथी बार राज्यपाल शासन लगेगा। यह एक रिकॉर्ड होगा।
वोहरा 25 जून, 2008 को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल बने थे।
वोहरा के कार्यकाल में पहली बार और जम्मू कश्मीर में पांचवीं बार राज्यपाल शासन उस समय लगा था जब 28 जून, 2008 को पीडीपी ने अमरनाथ भूमि मुद्दे पर कांग्रेस से समर्थन वापस ले लिया गया और गुलाम नबी आजाद सरकार अल्पमत में आ गई।
तब एनएन वोहरा को जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बने कुछ दिन ही बीते थे। आजाद ने सात जुलाई, 2008 को राज्य विधानसभा में विश्वास मत की वोटिग से पहले ही अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।
वोहरा के कार्यकाल में पहली बार 174 दिन के लिए राज्यपाल शासन लगा था। राज्यपाल शासन पांच जनवरी, 2009 तक चला, जब उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
विधानसभा में किसी भी दल को नहीं मिला स्पष्ट बहुमत
राज्य की विधानसभा के चुनाव का परिणाम 23 दिसंबर, 2014 को घोषित हुआ था, लेकिन किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। उमर से कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कहा गया।
वह सात जनवरी, 2015 तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहे। उसके बाद वोहरा के समय में दूसरी बार राज्यपाल शासन लगा।
एक मार्च, 2015 को मुफ्ती मुहम्मद सईद के नेतृत्व में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार बनी और उसी दिन राज्यपाल शासन समाप्त हुआ।
मुफ्ती मुहम्मद सईद का सात जनवरी, 2016 को दिल्ली में बीमारी के बाद निधन हो गया। उसके बाद तत्काल सरकार का गठन नहीं हुआ और नौ जनवरी, 2016 को राज्यपाल एनएन वोहरा के समय में तीसरी बार और जम्मू कश्मीर में सातवीं बार राज्यपाल शासन लगा।
चार अप्रैल, 2016 को महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार ने शपथ ली। अब 19 जून, 2018 को भाजपा ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया और जम्मू कश्मीर फिर से राज्यपाल शासन की तरफ चला गया है।


