अब इंजीनियर उपभोक्ता पर गलत बिलिंग नहीं कर पाएंगे
ग्वालियर। बिजली कंपनी ने गलत बिलिंग पर लगाम लगाने अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है। अब इंजीनियर उपभोक्ता पर गलत बिलिंग नहीं कर पाएंगे। बीते साल के महीने से ज्यादा बिल दिया तो उससे पहले बिल की जांच करनी होगी। जरूरत पड़ी तो अधिकारी को उपभोक्ता के घर पर भी जाना होगा। इस नियम का पालन नहीं करता है तो अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
बिजली कंपनी के प्रबंधन के पास गलत बिलिंग की शिकायतें पहुंच रही हैं। उपभोक्ता आकलित खपत, औसत बिलिंग से परेशान हैं और कंपनी के अधिकारी सुन नहीं रहे थे। उपभोक्ता को अपना बिल सुधरवाने के लिए कई चक्कर काटने पड़ते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए प्रबंध संचालक ने सॉफ्टवेयर में ही बदलाव करा दिया है।
जैसे कि किसी व्यक्ति का नवंबर 2016 में 1000 रुपए का बिल आया था, लेकिन नवंबर 2017 में बिल बढ़कर 1250 रुपए हो गया है। बिल की वृद्धि को सॉफ्टवेयर पकड़ लेगा। बिलिंग सॉफ्टवेयर ऐसे बिलों की सूची निकाल देगा और संबंधित जोन के पास भेज देगा। बिल में 25 फीसदी वृद्धि होने पर जांच करनी होगी। बिना जांच के बिल जारी किया जाता है तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं दूसरी ओर प्रबंधन ने व्यवस्था कर दी है कि जरूरत पड़ती है तो जोन के स्टाफ को उपभोक्ता के घर तक जाना पड़ेगा। इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। सर्कल, डिवीजन व जोन कार्यालयों को आदेश जारी कर दिए हैं। कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी मनोज द्विवेदी का कहना है कि जो अधिकारी इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्पॉट बिलिंग के बाद भी नहीं रुकी थी गड़बड़ी
गलत बिलिंग को रोकने के लिए कंपनी ने शहर में स्पॉट बिलिंग शुरू की है, लेकिन उपभोक्तओं पर गलत बिलिंग बंद नहीं हुई है। वर्तमान स्थिति में 40 हजार से अधिक उपभोक्ताओं पर आकलित खपत लगाई जा रही है। ठंड में भी गर्मी में आने वाले बिल उपभोक्ता को मिल रहे हैं।
– फीडर का लाइनलॉस कम करने के लिए जोन फर्जी बिलिंग कर रहे हैं, जिससे कंपनी का एरियर्स भी बढ़ रहा है। यह बिलिंग ऐसे उपभोक्ताओं पर की जा रही है, जिनके कनेक्शन कट चुके हैं या उपभोक्ता ही वजूद में नहीं है। कनेक्शन नंबर होने की वजह से उस पर 70 हजार रुपए तक बिल दिए जा रहे हैं।
– डीडी नगर, हुरावली, तानसेन, लधेड़ी, गोल पहाड़िया, कंपू, सिकंदर कंपू जोन में फर्जी बिलिंग की जा रही है। कटे कनेक्शनों पर हजारों रुपए के बिल दिए जा रहे हैं। सॉफ्टवेयर इस गलत बिलिंग को पकड़ लेगा और प्रबंधन के संज्ञान में मामला आ जाएगा।
फैक्ट फाइल
– शहर में 2.40 लाख उपभोक्ता।
– शहर में 70 हजार उपभोक्ता गलत बिलिंग से परेशान।