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*फसल ऋण माफी योजना में सहयोग न करने वाले बैंकों के खिलाफ होगी कार्यवाही*

*फसल ऋण माफी योजना में असहयोग करने वाले बैंकों के खिलाफ होगी कार्रवाई – कलेक्टर*

*जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश*

ग्वालियर। किसानों को जय किसान फसल ऋण माफी योजना का लाभ दिलाने के लिए बैंक खातों से आधार लिंकिंग और ई-केवायसी जरूरी है। इसलिए सभी राष्ट्रीयकृत बैंक तत्परता के साथ यह काम करें। साथ ही सभी बैंक शेष किसानों के आधार पंजीयन का काम भी तेजी के साथ करें, इसमें जरा सी भी ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी। जो बैंक इस अति महत्वपूर्ण काम में असहयोग करेंगे, उनके खिलाफ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और अन्य सक्षम अधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्री भरत यादव ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा बैठक में दिए। बुधवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर ने कृषि, सहकारिता तथा फसल ऋण माफी योजना से जुड़े अधिकारियों को हिदायत दी कि किसानों को भी समझाएं कि जो ऋणी किसान बैंक खाते में आधार लिंकिंग नहीं करायेंगे, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जिससे किसान स्वत: ही पंजीयन के लिए आगे आ सकें।

कलेक्टर श्री भरत यादव ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मैनेजर को भी हिदायत दी कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के ई-केवायसी की तरह सहकारी बैंक भी डीएमआर की कार्रवाई युद्ध स्तर पर करें। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि फसल ऋण माफी के तहत प्राप्त आवेदनों के प्रमाणीकरण का काम पर स्वयं निगरानी रखें और हर हाल में 17 फरवरी तक समस्त कार्रवाईयां पूर्ण कराएं, जिससे सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत 22 फरवरी से किसानों के खाते में फसल ऋण माफी की राशि पहुँचाई जा सके। फर्जी कृषि ऋण एवं फसल ऋण माफी योजना के संबंध में प्राप्त शेष शिकायतों का तेजी से निराकरण करने पर भी विशेष बल दिया। बैठक में जानकरी दी गई कि जिले में कुल 98 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें से लगभग आधी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। बैठक में बताया गया कि जिले में फसल ऋण माफी योजना के तहत 62 हजार 154 ऋणी कृषकों द्वारा सभी प्रकार के हरे, सफेद व गुलाबी फार्म भरे गए थे। इनमें से 56 हजार 452 आवेदन पोर्टल पर फीड भी किए जा चुके हैं। साथ ही आवेदन पत्रों के प्रमाणीकरण का कार्य भी जारी है।

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