*तेज ठंड के चलते नई दिल्ली में 16 ट्रेनें हुई लेट,मध्यप्रदेश में हुई स्कूलों की छुट्टी*
*तेज ठंड के चलते नई दिल्ली में 16 ट्रेनें हुई लेट,मध्यप्रदेश में हुई स्कूलों की छुट्टी*

नई दिल्ली। पहाड़ों पर हो रही जबर्दस्त बर्फबारी और दिल्ली समेत अन्य राज्यो में पिछले हफ्ते हुई बारिश और ओलावृष्टि ने उत्तर भारत के अलावा मध्य भारत में शीतलहर बढ़ा दी है। इसके कारण इन राज्यों में खून जमा देने वाली सर्दी पड़ रही है। वहीं उत्तराखंड और हिमाचली क्षेत्रों में बर्फबारी लगातार जारी है। हिमाचल के हमीरपुर और बिलासपुर में मौसम का पहला हिमपात हुआ है वहीं उत्तराखंड के नैनीताल में भी भारी बर्फबारी हुई है।
लगातार जारी इस बर्फबारी के चलते दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी शीतलहर चल रही है। सोमवार को राजधानी में कोहरे और ठंक की वजह से 16 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। वहीं मध्य प्रदेश में तो 8वीं तक के बच्चों की प्रशासन ने छुट्टी घोषित कर दी है।
इससे पहले रविवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान चार डिग्री दर्ज किया गया। हिमाचल के केलंग में न्यूनतम तापमान माइनस 17, जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र का द्रास में न्यूनतम तापमान माइनस 28.7 तक पहुंच गया।
बर्फबारी और बारिश से उत्तराखंड के चार धाम में जनजीवन अभी तक अस्तव्यस्त है। अब भी पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में 16 सड़कें बंद हैं और 95 गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। 232 गांवों में बिजली गुल है। उत्तरकाशी में पाइपलाइन में पानी तक जम चुका है। ऐसे में ग्रामीण बर्फ पिघलाकर प्यास बुझा रहे हैं।
*बर्फ में फंसे साधु को जोशीमठ पहुंचाया*
बर्फबारी के चलते चमोली में भविष्य बदरी मंदिर में तप कर रहे एक साधु की जान पर बन आई। रेस्क्यू टीम 25 किलोमीटर बर्फीली राह नापकर साधु को सकुशल जोशीमठ लेकर आई। सुभाई गांव स्थित भविष्य बदरी मंदिर में तीन महीने से तपस्यारत गुजरात मूल के एक साधु योगी पार्थवानंद बर्फबारी के चलते यहां फंस गए। साधु ने गुजरात में अपने एक परिचित को मोबाइल के जरिये खुद के भविष्य बदरी मंदिर में फंसे होने की सूचना दी।
*गंगोत्री हाईवे पर पांच साल बाद बना हिमखंड*
कारण इस बार पांच साल बाद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के पास चांगथांग नामक स्थान पर हिमखंड बनने लगा है। यदि फरवरी और मार्च में भी मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही रहा तो यह हिमखंड और विशाल हो जाएगा। उत्तरकाशी से आगे गंगोत्री हाईवे कई जगह बर्फ से पट चुका है।
हर्षिल से पांच किलोमीटर दूर चांगथांग नामक स्थान पर अक्सर एक विशाल हिमखंड आकार लेता है, लेकिन बीते वर्षों में कम बर्फबारी के कारण हिमखंड आकार नहीं ले पा रहा था। आमतौर पर यह हिमखंड करीब एक किलोमीटर लंबा और 100 मीटर चौड़ा और करीब 25 फीट ऊंचा होता है। 2014 में आखिरी बार यहां हिमखंड बना था।
*छह दिन बाद भी केदारनाथ में बिजली बहाल नहीं*
केदरानाथ धाम में आठ फीट बर्फ जमा हो चुकी है। छह दिन बाद भी यहां बिजली बहाल नहीं हो पाई है। यहां पुनर्निर्माण कार्यों पर अगले दस दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। गौरीकुंड व केदारनाथ के बीच कई जगह क्षतिग्रस्त बिजली लाइन की मरम्मत का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। जोशीमठ, मुक्तेश्वर और नई टिहरी में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है, जबकि मसूरी में तापमान शून्य पर है। पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में भी तापमान शून्य के करीब है।



