
नई दिल्लीः मोदी सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को लोकसभा में चर्चा हुई। करीब 12 घंटे की चर्चा के बाद मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव पर कुल 451 सांसदों ने वोट किया, जिसमें सरकार के पक्ष में 325 सांसदों ने वोट किया। वहीं विपक्ष के पक्ष में 126 सांसदों ने वोट किया। मोदी सरकार के पक्ष में कुल दो तिहाई बहुमत सांसदों ने वोटिंग की। एआईएडीएमके ने भी सरकार के पक्ष में वोट किया।
प्रधानमंत्री ने बाद में चर्चा का जवाब देते हुये गाँधी के इस व्यवहार पर कहा, जो भाषा मैं सुन रहा था, जो व्यवहार देख रहा था वह न तो अज्ञान के कारण था, न झूठे आत्मविश्वास के कारण, यह इसलिए था कि अहंकार इस तरह की प्रवृत्ति के लिए खींच कर ले जाता है। उन्होंने कहा, मैं हैरान था कि अभी तो चर्चा प्रारंभ ही हुई थी, मतदान नहीं हुआ था, जय-पराजय का फैसला नहीं हुआ था, फिर भी जिन्हें यहां (प्रधानमंत्री की सीट पर) पहुँचने का उत्साह है वह कह रहे हैं – उठो, उठो। न यहां कोई उठा सकता है न कोई बिठा सकता है, सवा सौ करोड़ देशवासी ही यहाँ बिठा सकते हैं।
मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में भरोसा होना चाहिये, चुनाव का इंतजार करना चाहिये, उन्हें इतनी जल्दबाजी क्यों है। उन्होंने गाँधी का नाम लिये बिना कहा कि यह उनका अहंकार ही है कि वह कहते हैं कि जब वह संसद में बोलने के लिए खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री 15 मिनट भी खड़े नहीं हो पायेंगे। उन्होंने कहा, मैं खड़ा भी हूँ और चार साल तक जो काम किये हैं उन पर अड़ा भी हूँ। हमारा काम है – सार-सार को गहि रहे, थोथा देई उड़ाय।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कहना भी उनका अहंकार है कि वह 2019 में सत्ता में नहीं आने देंगे। जो लोगों में विश्वास नहीं करते और खुद को ही भाग्यविधाता मानते हैं वही ऐसी बात करते हैं। लोकतंत्र में जनता-जनार्दन भाग्यविधाता होता है। वह कहते हैं कि अगर 2019 में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो वे ही प्रधानमंत्री होंगे। लेकिन, दूसरों की ढेर सारी ख्वाहिशों का क्या होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले चार साल में देश में हुए विकास के इतने कार्यों के बावजूद ‘‘अहंकार’’ के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें सवा सौ करोड़ देशवासियों ने चुना है और ‘‘यहां से कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है।’’ उन्होंने अपने संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर विशेष निशाना साधा।
उन्होंने आज सुबह राहुल गांधी द्वारा अपने पास आकर गले मिलने के घटनाक्रम का जिक्र किया और कहा, ‘‘उनका एक ही मकसद है मोदी हटाओ। मैं हैरान हूं कि सुबह चर्चा शुरू हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय पराजय का फैसला भी नहीं हुआ लेकिन उन्हें यहां पहुंचने का इतना उत्साह है कि आकर (मुझसे) बोले, उठो उठो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है। सवा सौ करोड़ देशवासी उठा सकते हैं। इतनी जल्दबाजी क्या है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनका एक ही मकसद है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा। इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए।’’
उन्होंने आज सुबह राहुल गांधी द्वारा अपने पास आकर गले मिलने के घटनाक्रम का जिक्र किया और कहा, ‘‘उनका एक ही मकसद है मोदी हटाओ। मैं हैरान हूं कि सुबह चर्चा शुरू हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय पराजय का फैसला भी नहीं हुआ लेकिन उन्हें यहां पहुंचने का इतना उत्साह है कि आकर (मुझसे) बोले, उठो उठो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है। सवा सौ करोड़ देशवासी उठा सकते हैं। इतनी जल्दबाजी क्या है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनका एक ही मकसद है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा। इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए।’’
उन्होंने सभी सदस्यों से इस प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत से बनी सरकार ने पिछले चार साल में जिस गति से काम किया है, उसके काम पर विश्वास जताएं। मोदी ने कहा कि इससे हमें अपनी बात करने का मौका तो मिल ही रहा है, साथ ही देश को देखने को मिल रहा है कि विपक्ष में कैसी नकारात्मकता है, विकास के प्रति कितनी नकारात्मक सोच है। ‘‘उन सबका चेहरा निखरकर सजधज कर बाहर आया है।’’ उन्होंने कहा कि कभी तो लगता है कि आज उनके (विपक्षी दलों के) सारे भाषण, उनका व्यवहार अज्ञानवश नहीं है। यह झूठे आत्मविश्वास के कारण भी नहीं। ‘‘अहंकार इस प्रकार की प्रवृत्ति के लिए खींच लाया।’’ मोदी ने कहा कि विपक्ष को हमारे इतने सारे विकास कार्यों, योजनाओं पर विश्वास नहीं है। राफेल सौदे को लेकर राहुल के बयान के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दो जिम्मेदार सरकारों के बीच सौदा है, दो कारोबारी पार्टियों के बीच नहीं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर तो ‘‘यह बचकाना रवैया’’ नहीं अपनाएं।
मोदी ने कहा कि हम यहां इसलिए हैं कि हमारे पास संख्याबल है। हम यहां इसलिए हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है। उन्होंने अपने भाषण में यह कविता भी कही, ‘‘न माझी, न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है’’