ग्वालियर

हैदराबाद में पकड़ा गया ग्‍वालियर से फरार बांग्‍लादेशी घुसपैठिया अलमक्की

ग्वालियर। 12 दिन पहले मप्र के ग्वालियर की पड़ाव पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ बांग्लादेशी घुसपैठिया अहमद अलमक्की शनिवार को हैदराबाद पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया। इंटेलीजेंस के अलर्ट के बाद हैदराबाद पुलिस की स्पेशल टीम ने उसे एक धार्मिक भवन के पास से पकड़ा है।

ग्वालियर से भागने के बाद अलमक्की हैदराबाद निकल गया था। ग्वालियर पुलिस उसे लेने के लिए हैदराबाद पहुंच गई है। रविवार को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के बाद पुलिस ग्वालियर के लिए रवाना हो गई है। ग्वालियर सेंट्रल जेल में रहते समय उसकी कुछ लोगों से दोस्ती हुई थी। इन्हीं ने भगाने में मदद की है।

21 सितंबर 2014 में जिले के पड़ाव थाना क्षेत्र स्थित स्टेशन बजरिया में बांग्लादेशी पासपोर्ट पर सिम खरीदने का प्रयास करते हुए एक विदेशी नागरिक अहमद अलमक्की को पुलिस ने पकड़ा था। उसके पास से बांग्लादेश का पासपोर्ट, सऊदी अरब का ड्राइविंग लाइसेंस मिला था।

पूछताछ में उसने सऊदी अरब से ढाका आने और उसके बाद दलाल के माध्यम से भारत में एंट्री की बात कबूल की थी। पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने के बाद वह 37 महीने की सजा के बाद 23 अक्टूबर 2017 को रिहा हुआ था। कोर्ट ने उसको रिहा करने के साथ ही पुलिस को निर्देशित किया था कि उसको उसके देश पहुंचाने का इंतजाम किया जाए।

यही कारण था कि अक्टूबर 2017 से भागने तक 8 महीने पुलिस उसे रख रही थी। इसी बीच 12 जून की रात 9 बजे वह मस्जिद से लौटते समय पड़ाव थाना क्षेत्र के एलआईसी तिराहा पर पुलिस जवान विजय शंकर को चकमा देकर भाग गया था।

दो युवकों से हुई थी दोस्ती

सूत्रों के मुताबिक ग्वालियर सेंट्रल जेल में रहते समय अशोक नगर और गुना के दो युवकों से अलमक्की की दोस्ती हुई थी। इन्होंने उसे बाहर निकलकर मदद का आश्वासन दिया था। रमजान माह में जब अलमक्की नमाज के लिए जाने लगा तो वहीं दोनों युवक आए थे, जिसके बाद भागने की रूपरेखा बनी।

दो पुलिस जवानों की अहम भूमिका

12 दिन से लगातार पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। दूतावास से लेकर सुरक्षा एजेंसी पर उसकी डिटेल पहुंचाकर अहमद अलमक्की को तलाशा जा रहा था। पुलिस ने उसके फोटो ट्रेनों के माध्यम से पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश बॉर्डर से साऊथ इंडिया के सभी शहरों तक पहुंचा दिए थे।

इसी बीच 23 जून सुबह देश के तेलंगना के हैदराबाद पुलिस के दो जवानों को धार्मिक स्थल से जुड़े भवन में एक विदेशी नागरिक के आने का पता लगा। जवानों ने अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद उसे पकड़ लिया गया। उसकी पहचान ग्वालियर से फरार अहमद अलमक्की के रूप में हुई।

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