अब कर्नाटक की तरह बिहार में राजद और गोवा में कांग्रेस ने मांगा सरकार बनाने का मौका
वेब डेस्क। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा को राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से सरकार बनाने का मौका दिए जाने का सियासी असर बिहार, गोवा, मणिपुर और मेघालय में भी पड़ा है।
इन सभी राज्यों में विपक्षी दलों का कहना है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उन्हें सरकार बनाने का पहले आमंत्रण नहीं दिया गया, इसलिए अब उन्हें मौका मिलना चाहिए।
हालांकि संवैधानिक तौर पर यह संभव नहीं है, लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को गरमाए रखना चाहती है। बिहार चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अब विधानसभा में अपने विधायकों की परेड कराएंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडांकर ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने का हवाला देते हुए कहा-“यदि कर्नाटक के राज्यपाल सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं तो गोवा की राज्यपाल कांग्रेस को क्यों नहीं आमंत्रित कर सकती?
दो राज्यों के लिए दो मानक क्यों? हम राज्यपाल से आग्रह करते हैं कि बड़े भाई कर्नाटक के राज्यपाल का अनुसरण कर गलती सुधारते हुए कांग्रेस को सरकार बनाने को आमंत्रित करें।”
इसी तरह, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह और मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने भी अपने-अपने राज्यपालों से शुक्रवार को मिलने का समय मांगा है।
दरअसल, इन राज्यों में हुए चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी रहने के बावजूद इनकी सरकार नहीं बनी। माकपा प्रमुख सीताराम येचुरी ने भी ट्वीट करके कहा कि भाजपा सरकार के नियुक्त राज्यपालों ने गोवा, मणिपुर या मेघालय में एक भी सबसे बड़े दल को आमंत्रित नहीं किया।
गोवा में कांग्रेस ने ठोका दावा
गोवा में सबसे बड़ा दल होने के नाते कांग्रेस सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। इसको लेकर दिल्ली से कांग्रेस के आला नेता गोवा की तरफ कूच करने की तैयारी में हैं।
कांग्रेस के प्रभारी चेला कुमार गोवा रवाना हो रहे हैं। एएनआई सूत्रों के मुताबिक, चेला कुमार दूसरे दलों के नेताओं के साथ शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।
चेला कुमार ने कहा कि गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है और जरूरत पड़ती है तो कांग्रेस अपने विधायकों के साथ गवर्नर हाउस पर परेड कर सकती है।
गोवा कांग्रेस के नेता यतीश नाईक ने कहा कि साल 2017 के चुनाव में हमने 17 सीटें जीती थीं। सबसे बड़े दल के नाते हमें सरकार बनाने का न्योता मिलना चाहिए था। लेकिन राज्यपाल ने 13 सीटें जीतने वाली भाजपा को आमंत्रित किया।
वहीं कर्नाटक में सबसे बड़ा दल होने के नाते राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। इसीलिए, हम राज्यपाल से सरकार बनाने का मौका देने की मांग करते हैं।
बिहार में भी शुरू हुआ सियासी ड्रामा
कुछ इसी तरह का सियासी घमासान बिहार में भी देखने को मिल रहा है। राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव राज्यपाल से मुलाकात करने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे बड़ा दल होने के नाते आरजेडी को सरकार बनाने की मौका मिलना चाहिए। तेजस्वी ने एक ट्वीट कर कहा कि कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के विरोध में कल पटना में राजद का एक दिवसीय धरना होगा।
हम राज्यपाल महोदय से मांग करते हैं कि वो वर्तमान बिहार सरकार को भंग कर कर्नाटक की तर्ज पर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका दें। मैं भाजपा के तर्क पर यह दावा ठोक रहा हूं।
तेजस्वी के इस बयान का समर्थन कांग्रेस ने भी किया है। कांग्रेस विधायक रामदेव राय ने कहा कि तेजस्वी परेड करें। हम उनके साथ हैं। कुछ लोग लोकतंत्र को बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
क्या हुआ था चार राज्यों में
गोवा :
40 सदस्यीय विधानसभा के लिए जब चुनाव परिणाम आए तब कांग्रेस 16 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी। 14 सीटों वाली भाजपा अन्य दलों के साथ सरकार बनाने में सफल रही।
बिहार :
243 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में महागठबंधन यानी राजद, जदयू और कांग्रेस को 178 सीटें मिली थीं। इनमें राजद 80 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी थी। जदयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीट मिलीं थीं। तब जदयू के नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे। बाद में राजद से अलग होकर 26 जुलाई, 2017 को नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया। फिर भाजपा (53 सीट) के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली।
मणिपुर :
60 सदस्य वाली मणिपुर विधानसभा में बहुमत के लिए 31 सीटें चाहिए थीं। कांग्रेस ने सबसे अधिक 28 सीटें जीती थीं। लेकिन 21 सीटें जीतने वाली भाजपा ने एनपीपी समेत अन्य दलों के साथ सरकार बना ली।
मेघालय :
यहां भाजपा ने सिर्फ दो सीटें जीती थी। फिर भी 21 सीटें जीतने वाली एनपीपी की अगुआई में छह दलों का गठबंधन कर सरकार बनाने में सफल रही। 60 सदस्यों वाली मेघालय विधानसभा में 20 सीटें जीतने वाली कांग्रेस देखती ही रह गई।
गोवा प्रभारी चेला कुमार राज्यपाल से मिलेंगे
गोवा प्रभारी चेला कुमार ने कहा है कि संविधान में गोवा और कटक के लिए कोई अलग नियम नहीं है। हालांकि राज्यपाल ने 2017 में गलती की थी, लेकिन अब उसे सुधारने का मौका मिला है। राज्यपाल ने कल सुबह 11.30 बजे समय दिया है। मैं उनसे मिलने के लिए विधायकों के साथ जाऊंगा और सरकार बनाने के हमारे दावे को खारिज कर दूंगा।
येदियुरप्पा के व्यवहार से चकित हूं
जेडी (एस) के एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि हमारे विधायकों को सुरक्षा देना हमारी ज़िम्मेदारी है। मैं येदियुरप्पा के व्यवहार से चकित हूं। शपथ लेने के बाद वह पहले वे 4 आईपीएस अधिकारियों को स्थानांतरित कर चुके हैं।
आरजेडी के दावे पर जदयू ने किया पलटवार
वहीं, जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी को अभी फिजूल की बातों पर समय नष्ट नहीं करना चाहिए। पुत्र धर्म का पालन करते हुए अपने पिता लालू यादव का अच्छी जगह इलाज करवाना चाहिए।
उन्हें परेड कराने से कौन रोक रहा है। परेड करवायें। लेकिन बलात्कार के केस में जेल में बंद राजवल्लभ यादव को कैसे ले जाएंगे। पहले दागी विधायकों को जेल से निकालें। अन्य प्रक्रिया पूरी करें और तब परेड की सोचें।
बीजेपी के लोग खरीद-फरोख्त कर रहे हैं :सिद्धारमैया
इधर, सिद्धारमैया ने कहा बीजेपी के लोग खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। यह अनैतिक है और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। कोई भी विधायक उनकी मांग को पूरा नहीं करेगा।