Latestराष्ट्रीय

AAP को झटका, राष्ट्रपति ने मंजूर की 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा

नई दिल्ली। लाभ के पद मामले में उलझे आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता आधिकारिक तौर पर रद्द कर दी गई। लंबे इंतजार के बाद चुनाव आयोग की अनुशंसा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है।

बता दें कि बीते दिनों चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से इन विधायकों की सदस्यता खत्म कर देने की अनुशंसा की थी। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलते ही सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर 20 आप विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी।

दूसरी ओर, आप के सभी प्रभावित विधायक दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गए। इस पर कोर्ट ने आयोग के वकील से 22 जनवरी तक यह बताने को कहा कि क्या आयोग ने विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेज दी है? कोर्ट ने उसकी कॉपी भी मांगी। हालांकि, कोर्ट ने विधायकों को कोई फौरी राहत देने से इन्कार कर दिया।

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी सिफारिश में कहा है कि संसदीय सचिव होने के नाते ये विधायक 13 मार्च, 2015 से 8 सितंबर, 2016 तक लाभ के पद पर रहे। इस कारण वे दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के पात्र हैं। संसदीय सचिव मंत्रियों को उनके कामकाज में सहायता करते हैं।

इन 20 विधायकों की सदस्यता हुई रद्द –

1. आदर्श शास्त्री, द्वारका

2. जरनैल सिंह, तिलक नगर

3. नरेश यादव, महरौली

4. अल्का लांबा, चांदनी चौक

5. प्रवीण कुमार, जंगपुरा

6. राजेश ऋषि, जनकपुरी

7. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर

8. मदन लाल, कस्तूरबा नगर

9. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर

10. अवतार सिंह, कालकाजी

11. शरद चौहान, नरेला

12. सरिता सिंह, रोहताश नगर

13. संजीव झा, बुराड़ी

14. सोम दत्त, सदर बाज़ार

15. शिव चरण गोयल, मोती नगर

16. अनिल कुमार बाजपई, गांधी नगर

17. मनोज कुमार, कोंडली

18. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर

19. सुखबीर दलाल, मुंडका

20. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़।

सिफारिश से बंधे हैं राष्ट्रपति –

इस मामले में राष्ट्रपति चुनाव आयोग की सिफारिशों से बंधे हैं। नियमानुसार, राष्ट्रपति विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग वाली अर्जी चुनाव आयोग को भेजते हैं। इसके बाद आयोग उन्हें अपनी सिफारिश देता है, जिसे राष्ट्रपति भवन स्वीकार करता है।

सरकार को खतरा नहीं –

70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में दलीय स्थिति को देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। आप के अभी 66 विधायक हैं। 20 के अयोग्य होने के बाद भी उसके 46 विधायक बचेंगे।

मामले में घिरे थे 21 विधायक –

लाभ के पद मामले में 21 विधायक घिरे हुए थे। लेकिन, राजौरी गार्डन के विधायक जरनैल सिंह को पार्टी ने गत वर्ष पंजाब चुनाव लड़ने के लिए उतारा था। इसके चलते उन्होंने दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव आयोग ने तभी उनके खिलाफ कार्रवाई बंद कर दी थी। बाकी 20 विधायकों के खिलाफ आयोग में मामला चल रहा था।

आगे क्या होगा

– राष्ट्रपति द्वारा आयोग की सिफारिश माने जाने के बाद 20 विधायक अयोग्य घोषित हो जाएंगे।

– अयोग्य घोषित विधायकों के पास कोर्ट जाने का विकल्प होगा। लेकिन, पूर्व के फैसले को देखते हुए राहत की गुंजाइश कम है।

– ऐसे में छह महीने के भीतर इन सीटों पर उपचुनाव होंगे। आप के लिए सभी सीटों पर जीतकर आना आसान नहीं होगा।

क्या है लाभ का पद

– संविधान के अनुच्छेद 102-1ए के तहत सांसद या विधायक ऐसे किसी अन्य पद पर नहीं हो सकते, जिसके लिए वेतन, भत्ते या अन्य दूसरे तरह के लाभ मिलते हों।

– संविधान के अनुच्छेद 191-1ए और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9ए के तहत भी सांसदों और विधायकों को अन्य पद लेने से रोकने का प्रावधान है।

– सांसदों या विधायकों की अयोग्यता के लिए लाभ के पद पर होना ही काफी है। भले ही वेतन, भत्ते या अन्य सुविधा नहीं लिया गया हो।

Show More

Related Articles

Back to top button