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आप के पास भी है इन बैंकों की चेकबुक तो जरूर पढ़ें ये खबर

व्यापार डेस्क। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोगी बैंकों के उपभोक्ता सावध्ाान हो जाएं, बिना देरी किए नई चेक बुक के लिए आवेदन कर दें। बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि विलय होने वाले सहयोगी बैंकों की चेकबुक नए साल से नहीं चलेंगी। साथ ही कुछ अन्य सेवाएं थोड़ी प्रभावित हो सकती हैं।

 

एसबीआई के डीजीएम ब्रम्ह सिंह का कहना है कि अभी तक ऐसे आदेश के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन विलय के कारण कुछ बदलाव होना तय है। विलय होने वाले एसबीआई के सहयोगी बैंक स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर तथा स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद।

बाजार में चिल्लर की किल्लत, एटीएम में 100 के नोट नहीं बाजार में एक बार फिर से चिल्लर की किल्लत शुरू हो गई है। हालत यह है कि चार से पांच एटीएम के चक्कर लगाने के बाद उपभोक्ताओं छोटे नोट नहीं मिल पा रहे हैं। एटीएम में 500 के नोट अधिक मिल रहे हैं।

100 के नोट तो मानो गायब हो गए हैं। इससे उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। चिल्लर की किल्लत से एक बार फिर बाजार में चॉकलेट का कारोबार जोर पकड़ सकता है। बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि 2000 के नोट कुछ माह पहले से ही सुनियोजित ढंग से गायब किए जा रहे हैं। यह कोशिश की जा रही है कि बड़े नोट लोगों को एटीएम से मिले और चिल्लर की उपलब्धता केवल बैंकों में हो। वहीं सीडीएम मशीन, ग्रीन चैनल में सर्वर डाउन की समस्या शुरू हो गई है।

विलय के बाद यह हुआ बदलाव

इन बैंकों का एसबीआई में विलय होने के बाद एसबीआई ने बहुत से बैंकों के आईएफसी कोड बदल दिए हैं। इसके चलते इन सहयोगी बैंकों की पुरानी चेक बुक नहीं चलेंगी।

बैंकों द्वारा इन दिनों बैंक की शाखाओं के साथ ही एटीएम की सुरक्षा व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। हाइटेक कैमरों के साथ ही एटीएम में अलॉर्म लगाए जा रहे हैं। ये अलार्म देर रात में किसी के प्रवेश करने पर तब तक बजते रहते हैं जब तक उसका ट्रांजेक्शन पूरा न हो जाए।

बताया जा रहा है कि आरबीआई ने बैंकों को कारोबार बढ़ाने और उपभोक्ता सर्विस में बढ़ोतरी के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। निजी बैंकों के साथ ही शासकीय बैंकों में भी इस प्रकार की व्यवस्था की जा रही है।

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