सुप्रीम कोर्ट से धार विधायक नीना वर्मा को बड़ी राहत, बनी रहेंगी पद पर

नई दिल्ली। विधायक नीना विक्रम वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। कोर्ट ने निर्वाचन शुन्य मामले में विधायक वर्मा की याचिका स्वीकार कर स्टे दे दिया है।अब जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक नीना वर्मा धार की विधायक बनी रहेगी। वर्मा के अभिभाषक द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन प्रस्तुत किया, इसपर ही कोर्ट द्वारा स्टे दिया गया है।

बता दे कि बीते दिनों हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नीना वर्मा का निर्वाचन शुन्य किया था।।यह दूसरी बार है जब नीना वर्मा की विधायकी शून्य घोषित की गई है| इसके पहले साल 2012 में बाल मुकुंद गौतम की याचिका पर नीना वर्मा का चुनाव शून्य घोषित किया गया था।

वहीं स्टे मिलने की जानकारी जैसे ही भाजपा समर्थकों को मिली, वैसे ही बधाई देने का क्रम शुरू हुआ। अब से कुछ देर पहले समर्थक जिला भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां पर समर्थकों ने फटाके फोड़ कर पार्टी जिंदाबाद व श्रीमती वर्मा जिंदाबाद के नारे लगाए। इस दौरान संभागीय सह मीडिया प्रभारी, ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष सन्नी रिन, सांसद प्रतिनिधि आशीष गोयल, पूर्व पार्षद अनिता म्हाले, कुसुम राठौर, कालीचरण सोनवनिया, विपिन राठौर सहित अन्य समर्थक मौजूद रहे।

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गौरतलब है कि बीते दिनों भाजपा विधायक नीना वर्मा के निर्वाचन को हाइकोर्ट ने शून्य घोषित कर दिया था। इस मामले में नीना वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने नीना वर्मा का निर्वाचन अधूरे नामांकन कागजात के कारण शून्य घो​षित किया था। कोर्ट ने नीना वर्मा को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 45 दिनों का समय दिया था। कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए नीना वर्मा ने न्याय पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने विधायक वर्मा को राहत देते हुए स्टे दिया है।

ये है पूरा मामला

दरअसल, सुरेश चंद्र भंडारी ने नीना वर्मा का चुनाव रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी| सुरिश्चंद्र भंडारी ने दायर अपनी याचिका में आरोप लगाए थे कि नीना वर्मा ने नामांकन फॉर्म में कई जानकारियां या तो अधूरी दी थी या बिल्कुल नहीं दी थी। इस आधार पर उनका चुनाव रद्द किया जाए। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सुरिश्चंद्र भंडारी की दायर याचिका पर 21 सितंबर को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था| आज  न्यायधीश आलोक वर्मा ने रिटायर होने के सात दिन पहले फैसला सुनाते हुए नीना वर्मा के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया है।