मध्यप्रदेशशिवपुरी

बैठक में PTI बोले-बगल में है श्मशान इसलिए राष्ट्रीय ध्वज की नहीं खुलती गठान..!

खनियाधाना। आपने भूत प्रेत के तो कई किस्से सुने होंगे पर यह बात निश्चित ही आपके चेहरे पर मुश्कान ला देगी। स्कूल के पीटीआई ने स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के दौरान ध्वज की गाँठ नहीं खुलने को लेकर जो कारण बताया वह न सिर्फ हास्यास्पद था वरन जल्द किसी के भी गले  नहीं उतरने वाला भी था।

दरअसल खनियाधाना जनपद में स्वतंत्रता दिवस को लेकर बैठक हुई जिसमें गत वर्ष ध्वज की गाँठ नहीं खुलने का मामला उठा ।इस पर पीटीआई ने दलील दी कि चूंकि स्कूल के बगल से श्मसान है लिहाजा ऊपरी साये (भूत प्रेत) के चलते ऐसा हुआ!

क्या हुआ बैठक में

खनियाधाना जनपद पंचायत के सभागार भवन में हुई 15 अगस्त को लेकर बैठक में खनियाधाना नगर के सभी शासकीय व अर्धशासकीय विद्यालयो को बुलाया गया बैठक में 15 अगस्त को लेकर व्यवस्थाओ पर चर्चा चल रही थी की झंडावन्दन की बात आते ही खनियाधाना कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पीटीआई ने कहा की पिछली बार झंडा की गठान नही खुली थी क्योंकि कार्यक्रम स्थल और स्कूल के बगल में श्मशान घाट है इससे झंडा बंधन के समय झंडे की गठान खुलने में ऊपरी चक्कर हो जाता है और झंडे की गठान फंस जाती है। पीटीआई हरिचरन अहिरवार की यह बात सुनकर बैठक में मोजूद तहसीलदार कैलाशचंद्र मालविय जनपद सीईओ नवीता शिवहरे बीईओ अनिल श्रीवास्तव परियोजना अधिकारी रमन पाराशर व अभी शासकीय अर्धशासकीय विद्यालय के प्राचार्य के ठहाके लगाने लगे।

शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य अपने स्कूल के पीटीआई को हंसी का पात्र बनते देख देखा नही गया और बात सम्हालते हुये प्राचार्य महेश राहोरा खड़े होकर बोले की इस बार झंडा वंदन में कोई गलती सामने नही आयेगी।

बैठक में निर्णय लेते हुये कहा कि जनपद पंचायत आमंत्रण पत्र छपवायगी व सांस्कृतिक कार्यक्रम की रिहर्सल 11 अगस्त को व फाईनल रिहर्सल 13 अगस्त को होगी।

बहरहाल यह झंडा वंदन का मामला पूर्व में घटित हुआ था जो झंडा वंदन करते समय मंच पर अभी अधिकारी नेता गण खड़े थे और झंडा वंदन करते समय झंडे की गठान नही खुली थी जिसको टेंट की नसेनी लगा कर गठान खोली गई।

यह मामला खनियाधाना के शिवकांत सोनी ने जम कर उछाला था जिस पर आज खनियाधाना का पूरा प्रशासन गलती न हो जाय इससे चौकन्ना है, पर अब देखते है कि पीटीआई के मुताबिक कार्यक्रम स्थल के नजदीक शमसान घाट होने के फेर में ऊपरी चक्कर होता है या फिर इस बार प्रशासन की फिर से भूल होती है पर इसको प्रशासन की भूल ही कहा जायेगा।

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