
Lok Sabha Election 2019, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर बसपा से अपने रिश्तों को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बसपा को लेकर वह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका और हमारा लक्ष्य एक है, भाजपा को हराना। बसपा और कांग्रेस एक हैं और हमारे बीच कोई विरोधाभास नहीं है।
कमलनाथ ने यह बात संगठन की कमान संभाले एक साल होने पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जश्न मना। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा में घबराहट है और यह साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल का उम्मीदवार बनाए जाने से सामने आ गई है, जिस भोपाल को भाजपा अपना गढ़ मानती है, वहां साध्वी प्रज्ञा को प्रत्याशी बनाकर वह क्या संदेश देना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि वे विश्व के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन पर रोज आचार संहिता के उल्लंघन के चार्ज लग रहे हैं। उधर, प्रदेश सरकार में गृह मंत्री बाला बच्चन ने बुधवार को शिवपुरी में कहा कि मायावती सरकार नहीं गिराएंगी, क्योंकि ऊपर सपा, बसपा और कांग्रेस का बड़ा सामंजस्य है। मालूम हो, सिंधिया के समर्थन में गुना सीट से बसपा प्रत्याशी लोकेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आ जाने पर मायावती द्वारा प्रदेश सरकार से समर्थन पर पुनर्विचार करने की बात कही गई थी।
सपा के लिए वोट मांगने मप्र नहीं आए अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव प्रचार में दिलचस्पी नहीं दिखाई। बसपा-सपा गठबंधन के तहत टीकमगढ़ और खजुराहो सीट पर सपा के प्रत्याशी मैदान में हैं। 29 अप्रैल को जतारा विधानसभा में अखिलेश की चुनावी सभा का कार्यक्रम बना था, लेकिन अंतिम क्षणों में उनका कार्यक्रम ही निरस्त हो गया। जतारा की प्रस्तावित चुनावी सभा को टीकमगढ़ और खजुराहो लोकसभा क्षेत्र की संयुक्त सभा के बतौर प्रचारित किया गया था। दोनों सीटों पर छह मई को मतदान है। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में अखिलेश ज्यादा व्यस्त हैं, इसलिए वह मप्र के लिए समय नहीं निकाल पा रहे। अगले दो-तीन दिन में भी उनका मप्र आने का कोई कार्यक्रम नहीं है।


