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*नर्सो की मनमानी के चलते शिवपुरी जिला अस्पताल में कल एक और नवजात शिशु की मौत,साथ मे प्रसूता के अटेंडर के साथ मारपीट*

*नर्सो की मनमानी के चलते शिवपुरी जिला अस्पताल में कल एक और नवजात शिशु की मौत,साथ मे प्रसूता के अटेंडर के साथ मारपीट*

शिवपुरी।जिला अस्पताल से एक मार्मिक खबर सामने आई है जहाँ पर नर्सों की मनमानी की वजह से एक नवजात की जान चली गई।प्रदेश में न. 1 का तमगा हासिल करने वाला जिला अस्पताल में नर्सों की हठधर्मिता के चलते एक माँ जो शादी के 4 साल बाद माँ बनी । उसकी जिंदगी में खुशीहाली आने से पहले ही जिला अस्पताल की वजह से अपनी बच्ची को खो दिया।पहले बच्चे का होना उस माँ बाप के लिए कितनी खुशी का पल होगा।जिसके लिए वो 4 साल से इंतजार कर रहे थे।उन्हें क्या पता था कि सरकारी अस्पताल में जाकर वो अपने होने वाले बच्चे को खो देंगे।आज उन माँ बाप का रो रो कर बुरा हाल है।उनका कहना है कि नर्सो की वजह से आज हमने अपनी बच्ची खो दी।पवन धाकड़ निवासी नवाव साहब रोड की शादी कृष्णा धाकड़ से 4 साल पहले हुई थी।भगवान से बड़ी मन्नतों के बाद कृष्णा व पवन की जिंदगी में वो पल आया जिसका वे बेसब्री से इंतजार से इंतजार कर रहे थे।शनिवार की दोपहर 3 बजे पवन अपनी पत्नी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा।जहाँ उसे भर्ती कराया गया । रात 12 बजे कृष्णा को लेबर पेन हुआ पवन ने जाकर वहां मौजूद नर्सो से जाकर डिलिवरी की बात की।तो नर्स ने उसे अनसुना करते हुए कहा कि दूसरी नर्स से जाकर बोल दो डिलीवरी वो ही करवाएगी।काफी मानमनोब्बल के बाद किसी तरह से कृष्णा को लेबर रूम में ले जाया गया।जब लेबर रूम में कृष्णा की डिलीवरी की जा रही थी तब चारो नर्से आपस मे लड़ पड़ी यह लड़ाई देर रात काम करने को लेकर थी।कृष्णा के अटेंडर ने नर्सो को समझाया की बाद में लड़ लेना पहले इसकी डिलीवरी कर लो।इस पर नर्से अटेंडर को भलाबुरा कहने लगी।व अटेंडर पर हाथ भी उठा दिया।और नर्से कृष्णा की डिलीवरी बीच मे ही छोड़ कर अपने रूम में चली गयी।बेचारी कृष्णा दर्द से तड़पती रही।किसी तरह से कृष्णा का पति हाथ जोड़कर मना कर जब नर्सो को वापस डिलीवरी रूम में वापिस लाया तो नर्सो ने बड़े ही आराम से कह दिया कि आपको मरी हुई बच्ची पैदा हुई है।जबकि अटेंडर का कहना है कि बच्ची पैदा होते समय जिंदा थी।लेकिन नर्सो के सही तरह से काम न करने के कारण बच्ची मरी है।पवन ने बताया कि रात में नर्स “राहीन खान ,शारदा” व दो अन्य नर्से थी जिनके नाम उसे पता नही है और इन नर्सों की आपसी खींचतान की वजह से मेरी बच्ची मरी है।पवन ने बताया कि उसने रात में ही डॉ. ऋषीश्वर को फोन किया था।जिस पर डॉ. ऋषीश्वर ने सुबह आकर कार्यवाही की बात कही । लेकिन रविवार होने की वजह से डॉ. डयूटी पर ही नही आये । बेचारा पवन दिनभर डॉ. का इंतजार करता रहा।लेकिन अब सवाल यह है कि क्या नर्सों पर कार्यवाही होने से कृष्णा पवन की बच्ची जिंदा हो पायेगी । नर्सों असंवेदनसिलता के कारण पवन कृष्णा का माँ बाप बनने का सपना तो अधूरा ही रह गया । बेचारी कृष्णा पलंग पर डली उस पल को कोस रही है जब उन्होंने सरकारी अस्पताल में डिलीवरी करने का फैसला लिया।ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों को इस अस्पताल तो क्या इस समाज मे ही रहने का भी हक़ नही है।

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