
नई दिल्ली। कानून मंत्रालय ने वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की अनुमति दे दी है। चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को अगस्त 2019 में इस तरह का प्रस्ताव भेजा था, जिसे कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मान लिया है। चुनाव आयोग ने कहा था कि 12 नंबर वाले आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने के लिए उसे कानूनी अधिकार चाहिए।
पुराने, नए सभी को देना होगा अपना आधार नंबर
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबकि, चुनाव आयोग का कहना था कि ऐसा करने से फर्जी वोटरों पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसलिए सभी पुराने और नए वोटर कार्ड धारकों को अपना आधार नंबर भी देना होगा। हालांकि अगर कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता है तो भी उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाया नहीं जा सकता है और न ही उसे लिस्ट में शामिल होने से रोका जा सकता है।
नहीं कर पाएंगे हैक, कॉपी या फिर चोरी
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इन आंकड़ों को हैक, कॉपी या फिर चोरी से बचाने के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त कदम उठाएगा। आधार से वोटर आईडी कार्ड के लिंक होने से फर्जी वोटरों पर लगाम लगेगी। इससे बोगस वोटरों पर अंकुश लगेगा देश भर में विभिन्न राजनीतिक पार्टियां ने भी अगस्त में हुई बैठक में आधार से वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने पर सहमति जताई थी।




