शादी करने से पहले अटैंड करें क्लास, ताकि जोड़ा कभी अलग ना हो

जबलपुर। क्रिसमस के जोरदार सेलिब्रेशन के बाद अब मसीही समाज में वेडिंग सीजन की शुरुआत हो गई है। वेडिंग या शादी एक ऐसा रिश्ता जहां मैं -तुम नहीं बल्कि हम होने का अहसास बहुत जरूरी है। यह सामाजिक विडंबना ही है कि मानव जीवन के इस खास रिश्ते में से हम की भावना की खत्म होती जा रही है और जरा-जरा सी बातें पति-पत्नी के रिश्तों में न सिर्फ दरार डालती हैं बल्कि टूटने की कगार पर भी ला देती है। पति-पत्नी का रिश्ता अच्छा बना रहे इस उद्देश्य से कैथोलिक क्रिश्चियनों से मैरिज प्रिपरेशन कोर्स कराया जाता है। कैथोलिक क्रिश्चियनों में शादी करने वाले जोड़े को यह कोर्स करना बहुत जरूरी है, इसके बिना चर्च में शादी करने की इजाजत नहीं है।

हर बात की मिले जानकारी

जबलपुर डायसिस में मैरिज प्रिपरेशन कोर्स के संयोजक फादर सोमी जैकब ने बताया कि कैथोलिक बिना इस कोर्स के शादी नहीं कर सकते। ऐसा नियम कई सालों से चला आ रहा है। इसकी वजह है कि शादी के बाद आने वाले समय में पति-पत्नी का रिश्ता लंबा चले और खुशहाली बनी रहे। इस कोर्स मे शादी करने वाले जोड़े को हर तरह की जानकारी दी जाती है। जिसमें मनोवैज्ञानिक, सामाजिक के साथ बायोलॉजिकल इन्फॉर्मेशन भी शामिल रहती है। युवाओं को बताया जाता है कि शादी के बाद जो बदलाव आएंगे उन्हें सकारात्मक तौर पर लेकर आगे बढ़ना है। एक-दूसरे को समझने से ही रिश्ता मजबूत होता है।

मैरिज बैंज महत्वपूर्ण

कैथोलिक में शादी के लिए क्रिसमस के बाद का समय अच्छा माना जाता है। जबकि प्रोटेस्टेंट में ऐसा कुछ विशेष नहीं है। प्रोटेस्टेंट में कोई मैरिज प्रिपरेशन कोर्स भी नहीं होता। कैथोलिक मानते हैं कि आगमन काल और ईस्टर के पहले 40 दिन के समय में शादियां नहीं की जाती। शादी के पहले तीन पुकार जिन्हें मैरिज बैंज भी कहते हैं बहुत महत्वपूर्ण होती हैं।

साल में तीन बार तीन दिन की ट्रेनिंग

फादर सोमी जैकब ने बताया कि शादी के पहले जोड़ों को तीन दिन की ट्रेनिंग दी जाती है। जहां शादी करने वाले लड़के-लड़कियां एक साथ बैठकर ट्रेनिंग लेते हैं। तीन दिनों तक युवाओं को ट्रेनिंग सेंटर में ही रहना पड़ता है। पहले ट्रेनिंग ले चुके और शादी कर चुके कपल्स भी इस अवसर युवाओं को ट्रेनिंग देते हैं और अपने अनुभवों को साझा भी करते हैं। यंग कपल्स सवाल पूछकर भी अपनी जिज्ञासाओं का समाधान करते हैं।

रिंग सेरेमनी होती है खास

क्रिश्चियन वेडिंग में शादी के लिए पांच लोगों का होना बहुत जरूरी है। जिसमें कपल के साथ पुरोहित या फादर, दो गवाह शामिल होना चाहिए। शादी में दुल्हन रीत और बेल पहनती है तो दूल्हा सूट पहनता है। शादी के दौरान सिंग सेरेमनी खास होती है।

बाइबल में है वर्णन

बाइबल में संत मत्ती के अध्याय – 7 पंक्ति 24 से 27 में बताया गया है कि घर की नींव कैसी होना चाहिए। चट्टान और बालू पर बने घर का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि बालू पर बने घर को तेज लहर बना ले जाती है लेकिन चट्टान पर बने घर मजबूती से टिके रहते हैं।

कई बार याद आई ट्रेनिंग

शादी के बाद ऐसा कई बार होता है कि कुछ परेशानियां आती हैं लेकिन उस समय ट्रेनिंग में बताई गई बातें बहुत यादें आईं। ट्रेनिंग मेंटली प्रिपेयर कर देती है कई बातों के लिए। जो बहुत अच्छा है। – सेंड्रा और स्टेनली नॉर्बट

यंग कपल्स के लिए उपयोगी

हम लोगों ने शादी के पहले ट्रेनिंग ली और जो हमारे बहुत काम आ रही है। यंग कपल्स के लिए तो काफी कुछ जानकारियां मिलती हैं जिसके लिए ट्रेनिंग के पहले वो तैयार नहीं होते। ट्रेनिंग स्ट्रांग बनाती है। – लीना- रिचर्ड सबेरियो