रजिस्ट्रेशन के लिए टू व्हीलर में अब हैंड रेस्ट व व्हील गार्ड होना अनिवार्य

इंदौर। दो पहिया वाहनों में पीछे बैठने वाली सवारी की सुरक्षा को लेकर मानक कड़े कर दिए हैं। अब बिना हैंड रेस्ट और व्हील गार्ड के कोई गाड़ी रजिस्टर्ड नहीं होगी। मुख्यालय से आए आदेश के बाद इंदौर आरटीओ में इसे लागू कर दिया गया है।
एआरटीओ अर्चना मिश्रा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस संबंध में परिवहन आयुक्त कार्यालय से आदेश आया है। इसमें कहा गया है कि जिन दो पहिया वाहनों में ऐसी व्यवस्था नहीं होगी उसे रजिस्टर्ड नहीं करना है। यह वाहन निर्माता कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह अपने वाहनों में इस तरह के बदलाव करे। वहीं डीलर भी इन गाड़ियों को नहीं बेच सकेंगे। एआरटीओ के मुताबिक अकेले इंदौर में ही हर तीन माह में करीब 10 हजार दो पहिया वाहन रजिस्टर्ड होते हैं।
यह है आदेश में
एआरटीओ ने बताया कि आदेश के मुताबिक दो पहिया वाहन में चालक के पीछे या साइड में एक स्थायी हैंड रेस्ट और फुट रेस्ट का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा पीछे बैठने वाली सवारी के लिए एक व्हील गार्ड भी लगा होना चाहिए, जिससे पहिए से उसकी दूरी पर्याप्त रहे।
इसलिए है जरूरी
अधिकारियों के मुताबिक अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में देखने में आता है कि दो पहिया वाहनों पर पीछे बैठने वाले व्यक्ति के लिए पकड़ने के लिए कुछ नहीं होता है। कुछ बाइकों में जरूर पीछे ग्रिप के लिए छोटा सा करियर या स्टैंड बना होता है लेकिन यह नाकाफी है। दुर्घटना होने या अचानक ब्रेक लगाने पर पीछे बैठा सवार ही पहले गिरता है और उसे ही ज्यादा चोट लगती है। वहीं पीछे बैठी सवारी खासकर महिलाओं के कपड़ों के पीछे के पहिए में आने की आशंका सबसे अधिक होती है। इसलिए भी व्हील गार्ड (साड़ी गार्ड) होना जरूरी है।
दुर्घटना में सैकड़ों लोग गंवाते हैं जान
पुलिस के मुताबिक इंदौर में ही हर साल करीब 450 से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। उधर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2016 में अकेले इंदौर में 5143 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं। जिससे इंदौर सर्वाधिक दुर्घटनाओं वाले शहरों की सूची में देश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया था।




