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गिव अप’ योजना : 9 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने छोड़ी रेल रियायत

नई दिल्ली। वरिष्‍ठ नागरिकों को रेल किराये पर मिलने वाली रियायत छोड़ने के लिए शुरू की गई ‘गिव अप’ योजना काफी सफल रही है। इसके तहत नौ लाख से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों ने स्वेच्छा से टिकटों पर रियायत छोड़ दी।

इससे रेलवे को करीब 40 करोड़ रुपये की बचत करने में मदद मिली। रियायत छोड़ने की योजना पिछले साल शुरू की गई थी।

इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को यह विकल्प दिया गया था कि वे रेल टिकट पर मिलने वाली पूरी रियायत का लाभ उठाएं या उसे छोड़ दें। इस योजना में इस साल एक नया विकल्प जोड़ा गया है।

इसमें वरिष्ठ नागरिक 50 फीसद तक की रियायत छोड़ सकते हैं। योजना के तहत इस साल 22 जुलाई से 22 अक्टूबर के बीच 2.16 लाख पुरुषों और 2.67 लाख महिलाओं ने पूरी रियायत छोड़ दी।

 जबकि 2.51 लाख पुरुषों और 2.05 लाख महिलाओं ने 50 फीसद छूट का लाभ उठाने का निर्णय लिया। इस तरह तीन महीने में 60 साल से अधिक उम्र के कुल 9.39 लाख यात्रियों ने अपनी रियायत छोड़ी।

इसी अवधि में पिछले साल 4.68 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने रियायत छोड़ी थी। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आंकड़ों से जाहिर होता है कि रियायत छोड़ने वाले लोगों की संख्या एक साल में दोगुनी हो गई है। यह रेलवे के लिए अच्छी खबर है।’

रेलवे पर 1300 करोड़ का भार

वरिष्ठ नागरिक श्रेणी में टिकटों पर छूट देने से रेलवे पर 1300 करोड़ रुपये का भार पड़ता है। इसे कम करने के इरादे से रियायत छोड़ने की योजना शुरू की गई है।

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