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आसमान छूते पेट्रोल व डीजल दामों में राहत देने की तैयारी

नई दिल्ली। देश में पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमतों में हो रही लगातार वृद्धि से बढ़ रहे जनाक्रोश और विपक्ष की तरफ से इस मुद्दे को लगातार हवा देने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। केंद्र सरकार के भीतर आम जनता को इस बारे में कुछ राहत देने की तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इसके लिए वित्त मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय के बीच विमर्श शुरू हो गया है। कोशिश इस बात की है कि आम जनता पर पड़ने वाले बोझ का कुछ हिस्सा केंद्र व राज्य सरकारें और तेल कंपनियां उठाएं। अगले दो दिनों के भीतर इसका एलान किया जाएगा।

दो दिनों में हो सकती है घोषणा

पेट्रोल व डीजल की महंगाई को लेकर सरकार के स्तर पर हो रहे विचार विमर्श की जानकारी स्वयं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दी। शाह ने बताया कि, “बुधवार को पूरी स्थिति पर चर्चा होगी और दो-तीन दिनों के भीतर जनता को राहत देने की घोषणा की जाएगी।” वैसे मंगलवार को भी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सरकारी तेल कंपनियों के आला अधिकारियों के साथ पूरे मद्दे पर विचार विमर्श किया है ताकि पेट्रोल व डीजल की कीमतों में रोजाना हो रही बढ़ोतरी की रफ्तार को कुछ थामा जा सके।

जिन भाजपा शासित राज्यों में इन उत्पादों पर वैट की दर बेहद ज्यादा है, वहां दर घटाने को राजी करने की कोशिश की जा रही है। अगर दो-तीन भाजपा शासित राज्यों में ऐसा कदम उठाया जाता है तो दूसरे गैर भाजपाई राज्यों पर भी शुल्क घटाने का दबाव बढ़ेगा। अक्टूबर, 2017 में केंद्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कमी की थी और उसके बाद चार भाजपा शासित राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने भी स्थानीय शुल्क में राहत देकर जनता को कुछ राहत दी थी। इस बार दूसरे राज्यों को भी दरों में कटौती के लिए तैयार करने की कोशिश हो रही है।

छह दिनों में रोजाना 30 पैसे की तेजी

सरकारी तेल कंपनियों की तरफ से एक तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बहुत राहत देना उनके हाथ में नहीं है। सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल के चेयरमैन संजीव सिंह का कहना है, “हम अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक कीमत तय करते हैं। इस बारे में हमारे हाथ में बहुत कुछ नहीं है।

ऐसा नहीं है कि हमारी कंपनी बहुत ज्यादा मुनाफा कमा रही है।” कंपनी के दूसरे अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हैं कि कर्नाटक चुनाव से पहले 19 दिनों तक खुदरा कीमतों में वृद्धि नहीं करने की वजह से अब इतनी तेज वृद्धि रोजाना करनी पड़ रही है। पिछले छह दिनों के दौरान तेल कंपनियों ने पेट्रोल की खुदरा कीमतों में औसतन 30 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। अगर कर्नाटक चुनाव समाप्त होने के बाद के हालात को देखें तो विगत नौ दिनों में दिल्ली में पेट्रोल 2.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.15 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है। दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल की खुदरा कीमत 76.87 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68.08 रुपये प्रति लीटर रही है।

इंडियन ऑयल के मुनाफे में भारी उछाल

खुले बाजार के मुताबिक पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमत तय करने का अधिकार मिलने के बाद सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) के वित्तीय प्रदर्शन में साल दर साल सुधार हो रहा है। रिफाइनरी मार्जिन बढ़ने से जनवरी-मार्च तिमाही में आइओसी के मुनाफे में 40 फीसद का इजाफा हुआ है। कंपनी को बीती तिमाही में 5,218 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। जबकि बीते वित्त वर्ष में कंपनी ने 21,743.48 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इसके पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को 20,385 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। कंपनी ने 20 फीसद लाभांश देने की घोषणा की है।

कंपनी के वित्तीय नतीजों से साफ है कि जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी हुई है कंपनी का ग्र्रॉस रिफाइनरी मार्जिन (जीआरएम) भी उसी रफ्तार से बढ़ी है। जीआरएम तेल रिफाइनरी कंपनी के मुनाफे के मार्जिन को मापने का सबसे सटीक तरीका है। बीते वित्त वर्ष में जीआरएम 8.49 डॉलर प्रति बैरल रहा जबकि इसके एक वर्ष पहले यह 7.77 डॉलर प्रति बैरल था। हालांकि कंपनी के चेयरमैन संजीव सिंह का कहना है कि कच्चे तेल के मूल्य में जिस तेजी से इजाफा हो रहा है, उतनी तेजी से मार्जिन नहीं बढ़ रहा है।

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