लालू यादव समेत 15 दोषी करार, 7 लोग बरी; 3 जनवरी को होगा सजा का एलान

पटना/रांची. बिहार के चारा घोटाला में शनिवार को रांची की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया। इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 15 आरोपियों को दोषी करार दिया है। वहीं, 7 को बरी कर दिया है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, ध्रुव भगत और विद्या सागर शामिल हैं। इससे पहले, रांची पुलिस ने होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के आसपास सिक्युरिटी सख्त कर दी गई। बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया। इलाके में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
कोर्ट में हाजिरी लगाकर गेस्ट हाउस लौट गए लालू और तेजस्वी
– बता दें कि 900 करोड़ के चारा घोटाले में यह 33वां और लालू से जुड़ा दूसरा फैसला होगा। लालू पर चारा घोटाले के 7 केस दर्ज हैं। एक केस में उन्हें 6 साल की सजा हो चुकी है। लालू के खिलाफ 5 अन्य केस में सुनवाई जारी है।
– सुबह लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी कोर्ट पहुंचे, लेकिन फैसला दोपहर 3 बजे आने पर वह हाजिरी लगाकर गेस्ट हाउस लौट गए।
फैसले से पहले लालू ने क्या कहा?
– रांची के रेलवे गेस्ट हाउस में लालू ने मीडिया से कहा, ”मुझे ज्यूडिशियरी सिस्टम पर पूरा भरोसा है। सभी को इंसाफ मिल रहा है, हमें भी मिलेगा। मैं पिछड़ी जाति से हूं, मुझे भी इंसाफ मिलेगा। एक ही मुर्गी को 9 बार हलाल किया जा रहा है। वकीलों में सभी जरूरी सबूत कोर्ट को दिए हैं, जो बरी होने के लिए काफी हैं।”
– वहीं, शुक्रवार शाम रांची एयरपोर्ट पर लालू ने कहा था, ”अगर मैंने किसी से पैसा लिया तो सीबीआई सबूत दे। आखिर किस बात की मुझे सजा दिलाना चाहते हैं। 20 साल से मुझे परेशान किया जा रहा है। ज्यूडीशियरी सिस्टम पर पूरा भरोसा है। टू जी की तरह इसमें भी फैसला आएगा। बीजेपी और सीबीआई मुझे और परिवार को परेशान कर रही है।”
फैसले के पहले लालू यादव के बेटे तेजस्वी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें न्यायपालिका पर भरोसा है, उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। जैसे 2जी और आदर्श स्कैम में भाजपा के झूठे प्रचार ध्वस्त किया है वैसे ही इस केस में भी होगा।
बता दें कि मामला 950 करोड़ के चारा घोटाले में देवघर कोषागार से 89.4 लाख रुपये अवैध निकासी से जुड़ा है। फैसले के दौरान सभी 22 आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। लालू प्रसाद सहित अन्य आरोपी शुक्रवार की शाम रांची पहुंच गए। लालू के साथ उनके पुत्र तेजस्वी यादव भी रांची आए हैं।
देवघर कोषागार मामले में 38 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में दो चार्जशीट दाखिल की गई थी। पहली चार्जशीट 27 अक्टूबर, 1997 को हुई थी। सीबीआई के इंस्पेक्टर सह जांच पदाधिकारी नागेंद्र प्रसाद ने 34 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
वहीं दूसरी चार्जशीट 25 अगस्त, 2004 को हुई थी। इसमें चार आरोपियों का नाम शामिल था। कुल 38 आरोपियों में से न्यायालय में ट्रायल के दौरान 11 का देहांत हो गया। वहीं सीबीआई ने तीन लोगों को सरकारी गवाह बनाया। इसके अलावा दो आरोपियों ने फैसला सुनाए जाने के पूर्व दोष स्वीकार कर लिया।
इन्हें लेकर आना है फैसला-
राजनेता-
राजनीतिक नेताओं में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद सह पूर्व मंत्री डॉ. आरके राणा, पूर्व पशुपालन मंत्री विद्या सागर निषाद व पीएसी (लोक लेखा समिति) के तत्कालीन अध्यक्ष धु्रव भगत को लेकर फैसला आना है।
आईएएस-
चारा घोटाले में आईएएस अधिकारियों में पूर्व पशुपालन सचिव बेक जुलियस, महेश प्रसाद, तत्कालीन वित्त आयुक्त फूलचंद सिंह व तत्कालीन आयकर आयुक्त अधीप चंद्र चौधरी को लेकर फैसला आना है।
जेल जाना मंजूर लेकिन घुटने टेकना नहीं
चारा घोटाले के एक मामले में फैसला आने से एक दिन पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि उन्हें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि मेरे समर्थक जानते हैं कि लालू को साजिश के तहत फंसाया गया है। मुझे जेल जाना मंजूर है, लेकिन राजनीतिक विरोधियों के आगे घुटने टेकना नहीं।
रांची रवाना होने के पहले लालू ने कहा कि भाजपा के सामने घुटने टेककर मैं अपने परिवार को परेशान होने से बचा सकता था, लेकिन मैं दूसरी मिट्टी का बना हुआ हूं। हार नहीं मानने वाला। हर साजिश और मुसीबत का डटकर मुकाबला करूंगा। लालू ने आरोप लगाया कि भाजपा की चाल मेरी बोलती बंद करने की है, लेकिन मैं चुप नहीं रहूंगा। शनिवार के फैसले पर लालू ने कुछ भी बोलने से इन्कार किया और कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का मामला है। इससे जुड़े सवाल पर जवाब नहीं दिया जा सकता है।