मंडी विशेष

रिटायरमेंट के बाद भी रेलकर्मी कर सकेंगे संविदा नौकरी

बिलासपुर। रेलकर्मी रिटायरमेंट के बाद अब 5 साल संविदा में नौकरी कर सकेंगे। रेलवे बोर्ड ने संविदा का कार्यकाल तीन साल बढ़ा दिया है। हालांकि संविदा नियुक्ति तब होगी जब रेल मंडल को इसकी आवश्यकता होगी। इसके लिए बकायदा विज्ञापन भी जारी किया जाएगा। इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल मुख्यालयों को आदेश जारी किया है।
रेलवे में नौकरी का कार्यकाल 60 साल है। इस आयु के बाद संबंधित अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाते हैं। कार्य का बेहतर संचालन और सेवानिवृत्त रेलकर्मी के अनुभव का लाभ लेने के लिए संविदा नियुक्ति की व्यवस्था बनाई गई है। हालांकि ऐसा नहीं है कि रिटायरमेंट के बाद सीधे संविदा पर नियुक्ति दे दी जाती है। दैनिक वेतन भुगतान के आधार पर प्रत्येक वर्ष अधिसूचना जारी होती है।
इसके बाद भर्ती की प्रक्रिया होती है। जितने पदों की आवश्यकता होती है संविदा में उतने ही पदों पर भर्ती होती है। इसके लिए रेलवे ने अधिकतम 2 साल की अवधि निर्धारित की थी। इसके बाद सेवा से पृथक कर दिया जाता है। इसके लिए पिछले कई दिनों से मंथन के साथ- साथ अवधि बढ़ाने पर योजना बन रही है। इस पर सहमति की मुहर लगने के बाद डायरेक्टर इस्टैब्लिशमेंट नीरज कुमार ने आदेश जारी किया है। इसके अलावा यह सुविधा जिस स्कीम के तहत दी जा रही है उसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दी गई है। पूर्व में अंतिम तिथि 14 सितंबर 2018 थी। माना जा सकता है कि आगामी दिनों में तिथि में बढ़ोतरी की जा सकती है।

इसलिए नहीं लेते रुचि

जानकारी के अनुसार रेलवे की इस स्कीम का ज्यादातर सेवानिवृत्त कर्मचारी लाभ नहीं लेते हैं। दरअसल में कोई पद नहीं मिलता और न किसी तरह की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाती है। खास तवज्जों नहीं मिलने के कारण संविदा में नौकरी करने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या बेहद कम होती है। भुगतान दैनिक वेतन के मुताबिक होता है।

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